जिला स्तरीय विद्यालय उत्क्रमण समिति की हुई बैठक, उपायुक्त ने की अध्यक्षता
उदित वाणी जमशेदपुर: समाहरणालय सभागार में उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विद्यालय उत्क्रमण समिति की बैठक हुई. बैठक में क्षेत्रवार जनसंख्या के आधार तथा सांसद एवं विधायकों द्वारा विद्यालयों के उत्क्रमण संबंधी दिए गए प्रस्ताव पर गहनता से समिति द्वारा विमर्श किया गया. बैठक में विभिन्न प्रखंडों के 48 मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालय में उत्क्रमण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिसमें छात्रों की संख्या, उपलब्ध जमीन, पठन-पाठन के साथ-साथ खेलकूद के मैदान की उपलब्धता आदि पर विस्तार से चर्चा की गई. इसके बाद सर्वसम्मति से 30 विद्यालयों के उत्क्रमण को अनुमोदित कर राज्य सरकार को भेजने का निर्णय समिति द्वारा लिया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में उत्क्रमण के लिए न्यूनतम पांच किलोमीटर की परिधि में कोई उच्च विद्यालय नहीं होना एवं लगभग 5000 की आबादी होना न्यूनतम अहर्ता है.
बदलेगा सरकारी स्कूलों के ड्रेस का रंग
राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पोशाक के रंग अब बदले जायेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से इस संबंध में सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेजा गया है. परियोजना की ओर से जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से नये रंग की पोशाक उपलब्ध कराये जायेंगे. जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है फिलहाल स्वेटर का रंग निर्धारित नहीं किया गया है. स्वेटर का रंग निर्धारित होने के बाद जिलों को अलग से जानकारी दी जायेगी. उल्लेखनीय है कि पोशाक के लिए जिलों को राशि उपलब्ध करा दी गयी है.
2015 में बदला था ड्रेस का रंग
राज्य में इससे पहले वर्ष 2015-16 में पोशाक के रंग में बदलाव किया गया था. वर्तमान में बच्चों की पोशाक में पैंट का रंग मैरून व शर्ट का क्रीम कलर था. बच्चे वर्तमान में इसी रंग की पोशाक पहनते थे. उधर राज्य में स्कूली बच्चों के पिछले चार वर्षों के दौरान हुए पोशाक वितरण की रिपोर्ट जिलों से मांगी गयी है. झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को इसे लेकर पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि कक्षा एक से आठ तक विद्यार्थियों को समग्र शिक्षा एवं राज्य योजना के तहत बच्चों को पोशाक उपलब्ध करायी जाती है. पोशाक के लिए राशि डीबीटी की जाती है. वहीं एसएचजी एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से पोशाक उपलब्ध करायी जाती है. शिक्षा परियोजना ने सभी जिलों से वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक एसएचजी, डीबीटी एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से कितने बच्चों को पोशाक दी गयी और कितने को नहीं मिल पायी, इसकी जानकारी मांगी है. वहीं बच्चों को पोशाक नहीं मिलने के कारण की भी जानकारी देने को कहा है. वहीं जिलों से बच्चों के बैंक खाता खोले जाने की स्थिति की भी जानकारी देने को कहा गया है.
हरी-नीली होगी स्कूली बच्चों की पोशाक
कक्षा एक से पांच
छात्र: पैंट नीला व शर्ट पिंक(ब्लू पाइपिंग सहित)
छात्राएं : स्कर्ट नीला व शर्ट पिंक(ब्लू पाइरिंग सहित)
कक्षा छह से आठ
छात्र : पैंट हरा व शर्ट हरा एवं सफेद चेक व हरा रंग का कॉलर सहित
छात्राएं : सलवार एवं दुपट्टा हरे रंग का एवं कुर्ता सफेद चेक व हरे रंग का कॉलर सहित
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