उदित वाणी, जमशेदपुर: CSIR-NML द्वारा आयोजित तृतीय प्लेटिनम जुबली समारोह के तहत मंगलवार को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मिशिगन टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हौटन, मिशिगन, USA के प्रोफेसर एस. के. कवात्रा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया.
प्रोफेसर एस. के. कवात्रा का परिचय
प्रोफेसर एस. के. कवात्रा, जो कि SCI जर्नल “मिनरल प्रोसेसिंग एंड एक्सट्रेक्टिव मेटैलर्जी रिव्यूज” के संपादक भी हैं, को उनके क्षेत्र में कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है. अपने व्याख्यान में, उन्होंने लौह अयस्क प्रसंस्करण के क्षेत्र में किए गए नवाचारों और पहलों पर विस्तार से चर्चा की.
कार्यक्रम में सम्मान और स्वागत
सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कार्यक्रम की शुरुआत की और प्रोफेसर कवात्रा का स्वागत किया. उन्होंने दर्शकों को कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया और प्रोफेसर कवात्रा का परिचय भी दिया. इस अवसर पर सीएसआईआर-एनएमएल के वैज्ञानिक, तकनीकी कर्मचारी, छात्र, शोधकर्ता और अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे.
प्रोफेसर कवात्रा का व्याख्यान
प्रोफेसर कवात्रा ने अपने व्याख्यान में लौह अयस्क प्रसंस्करण के क्षेत्र में उपयोग किए गए विभिन्न नवीन दृष्टिकोणों को साझा किया. उनके प्रस्तुतिकरण को दर्शकों ने उत्सुकता और सराहना के साथ सुना. उन्होंने इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी विचार व्यक्त किए.
धन्यवाद ज्ञापन और समापन
कार्यक्रम के समापन पर, मुख्य वैज्ञानिक डॉ. वी. सी. श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और प्रोफेसर कवात्रा को उनके व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर CSIR-NML में व्याख्यान देने के लिए आभार व्यक्त किया. यह व्याख्यान CSIR-NML द्वारा नवंबर 2024 से आयोजित की जा रही प्लेटिनम जयंती समारोह की श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था.
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