उदित वाणी, जमशेदपुर: बिरला इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) मेसरा (रांची) के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने कहा कि ‘लेजर असिस्टेड एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग’ तकनीक पहले से ही कई सफलता की कहानियों कह रही है. इसमें भविष्य की अच्छी संभावनाएं भी हैं. एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में समग्र दायरा, नवीनता और सटीकता समय के साथ उभर रही है.
प्रोफेसर मन्ना इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ मेटल (आईआईएम) के जमशेदपुर चैप्टर की ओर से आयोजित एम एस खान मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे. उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न पेशेवरों को सम्नावित किया.
विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त करने वाले पेशेवरों के नाम हैं-सुधांशु पाठक, आईआईएम फैलोशिप के टाटा स्टील के पूर्व प्राप्तकर्ता, डॉ देबाशीष भट्टाचार्जी, वीपी (टी एंड एनएमबी), टाटा स्टील आईआईएम टाटा गोल्ड मेडल प्राप्तकर्ता रवींद्र सांगवई, चीफ एलडी# थ्री और टीएससीआर, टाटा स्टील आईआईएम मेकॉन पुरस्कार प्राप्तकर्ता, डॉ प्रतीक स्वरूप दास, टाटा स्टील उत्कृष्टता प्रमाणपत्र प्राप्तकर्ता (लौह और इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास. साथ ही डॉ चिरादीप घोष, आशुतोष घोष, आदित्य सारदा, डॉ संजय अग्रवाल, शेख महबूब बाशा, बोइना सागर, वेद प्रकाश, उमा शंकर साहू, उज्जवल चंद्रकांत चौधरी, वेद विनीत, वंदना कुमारी, प्रभाष गोकर्ण, प्रत्यूष रंजन सामंतराय, ई जकारिया चाको, बिनेश शॉ, शांतनु पहाड़ी, प्रियंका पांडे और धीरेंद्र प्रसाद को भी सम्मानित किया गया.
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