उदित वाणी जमशेदपुर : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय न्यायालय ने कोलकाता निवासी प्रीतम कहार को धारा 498 आईपीसी और 3/4 दहेज अधिनियम के तहत निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को निरस्त कर दिया।
निचली अदालत, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्री आर.एस. पांडे के न्यायालय ने 16 फरवरी 2024 को प्रीतम कहार को दोषी ठहराते हुए एक साल के कारावास और ₹5000 के जुर्माने की सजा सुनाई थी। यह मामला बर्मा माइंस थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां 10 अक्टूबर 2013 को गिरजा कहार ने प्रीतम कहार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
सजा सुनाए जाने के बाद, प्रीतम कहार ने इस फैसले के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की। अपील पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं सुधीर कुमार पप्पू, शिव शंकर प्रसाद और बबीता जैन ने प्रीतम का पक्ष रखा। विस्तृत बहस और साक्ष्यों के आधार पर माननीय न्यायालय ने आरोपी को दी गई सजा को निरस्त कर दिया।
इस निर्णय से प्रीतम कहार और उनके परिवार ने राहत की सांस ली, वहीं मामले में सूचक गिरजा कहार ने फैसले पर असंतोष जताया है।
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