उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई.
बैठक में उपस्थित सदस्य
इस बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, जिला मत्स्य पदाधिकारी अल्का पन्ना, जिला कृषि पदाधिकारी विवेक बिरूआ और अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे.
योजना के तहत लाभार्थियों का चयन
बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत बायोफ्लॉक की स्थापना और लघु फिश फिड मिल के लिए प्राप्त कुल 7 आवेदनों की समीक्षा की गई. समिति ने दो लाभार्थियों के चयन का अनुमोदन किया. बायोफ्लॉक की स्थापना के लिए चाकुलिया प्रखंड की दीप्ति पैड़ा का चयन किया गया. वहीं, लघु फिश फिड मिल के लिए गुड़ाबांदा प्रखंड की सुजाता पाल के चयन का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया.
बायोफ्लॉक तकनीक की विशेषताएँ
पारंपरिक मछली पालन से भिन्न बायोफ्लॉक तकनीक में मछलियों को तालाब के बजाय टैंक में पाला जाता है. इसके लिए किसान अपने खेत, प्लॉट या घर के आसपास तारपोलिन टैंक का उपयोग कर मछली पालन कर सकते हैं. जिन किसानों के पास स्थान की कमी है, वे इस विधि से मछली पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. सामान्य कोटि के लिए 40 प्रतिशत अनुदान और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, एवं महिलाओं के लिए 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है.
लघु फिश फिड मिल का लाभ
लघु फिश फिड मिल की लागत 30 लाख रुपये है, जिसमें मिनी फिड मिल की स्थापना कर प्रतिदिन 2 टन फिश फिड का उत्पादन किया जा सकता है. सामान्य कोटि के लिए 40 प्रतिशत अनुदान और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, एवं महिलाओं के लिए 60 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध है.
इस प्रकार, बैठक में उठाए गए कदमों से मत्स्य पालन क्षेत्र में नवीनता और विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।