उदित वाणी जमशेदपुर : झारखण्ड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री, श्री बन्ना गुप्ता खरकई एवं स्वर्णरेखा नदी के संगम दोमुहानी के समीप कराये जाने वाले कार्यों के लिए स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के मुख्य अभियंता, की अनुमति प्राप्त होने के बारे में झूठा प्रचार कर रहे हैं। मैं मुख्य अभियंता श्री अशोक कुमार द्वारा उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को इस संबंध में लिखे गये पत्र की छायाप्रति संलग्न कर रहा हूँ। प्रासंगिक कार्यों को मुख्य अभियंता ने खंड- क और खंड- ख में विभााजित किया है। खंड ‘क’ में प्रस्तावित किसी भी कार्य को करने के लिए मुख्य अभियंता ने अनुमति नहीं प्रदान किया है। खंड- ‘क’ में इसमें निम्नांकित कार्य प्रस्तावित है:-
1. साबरमती एवं गोमती नदी के तर्ज पर स्वर्णरेखा/खरकई नदी पर रिवर फ्रंट तकनीकी
रूप से उपर्युक्त स्थल बनाने हेतु स्वर्णरेखा नदी पर वीयर का निर्माण कार्य।
2. स्वर्णरेखा नदी पर कटाव निरोधक कार्य (Anti Erosion Work) यथा Edge boulder crating.
3. Landscaping कार्य।
4. Public Amenities.
5. Walkways and Pathways.
6. Accessibility to people with disabilities through ramps and other accessibility features.
स्पष्ट है कि इस बारे में श्री बन्ना गुप्ता सफेद झूठ बोल रहे हैं।
मुख्य अभियंता ने अपने पत्र के खंड – ‘ख ’ में वर्णित कार्य को किये जाने की स्वीकृति दी है। इनमें से कोई भी कार्य महत्वूपर्ण नहीं हैं। तटबंध से नदी की ओर पहले से ही सीढ़ी बनी हुई है, मूर्ति विसर्जन के लिए अस्थायी कुंड विसर्जन के समय विगत दो वर्षों से बनाये जाते है। तट पर वृक्षारोपण भी पहले से ही किया हुआ है। विडम्बना है कि श्री बन्ना गुप्ता के निर्देश पर दोमुहानी से लेकर कांदरबेड़ा पुल तक तटबंध पर लगे करीब दो दर्जन से अधिक वृक्षों को जेसीबी से काट दिया गया है और मेरिन ड्राइव तटबंध पर यहां उगी हुई झाड़ियों को भी जेसीबी से साफ कर दिया गया है। यह नियम विरूद्ध कार्य है। स्लूइस गेट से गन्दा पानी को अस्थायी गढ़ढे में डालकर प्राकृतिक तौर पर साफ करने का वहां कोई स्थान नहीं है।
मुख्य अभियंता ने धार्मिक अनुष्ठान हेतु पूर्व निर्मित प्लेटफार्म की तर्ज पर नये प्लेटफार्म का निर्माण करने की अनुमति दिया है, जो नियमानुसार सही नहीं है। आश्चर्य है कि श्री बन्ना गुप्ता द्वारा की गई घोषणा में शामिल कार्यों के लिए मुख्य अभियंता ने कोई अनुमति नहीं दिया है। मुख्य अभियंता ने इस संबंध में गत 2 फरवरी को हुई बैठक की कार्यवाही के आधार पर जल्दबाजी में निर्णय लेकर अपने स्तर से उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम को पत्र लिखा है, जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। मैं पहले से कहता रहा हूँ कि बिना सक्षम प्राधिकार के नदी के पेट में कोई भी छेड़छाड़ करना गलत है। मुख्य अभियंता के पत्र से साबित हो गया है कि श्री बन्ना गुप्ता ने आवश्यक प्राधिकार से अनुमति लिए बिना पिछले 10 दिनों से वहां नदी के पेट पर छेड़छाड़ कर रहे है। मुख्य अभियंता को इसका संज्ञान लेना चाहिए। जिन कार्यों की अनुमति वे उपायुक्त को लिखे पत्र में दे रहे हैं, उन कार्यों की संभाव्यता का प्रतिवेदन मुख्य अभियंता को पहले तैयार करना चाहिए।
ऐसा लगता है कि मंत्री श्री बन्ना गुप्ता के पीछे कोई निहित स्वार्थी समूह खड़ा हो गया है जो सरकार का धन अनुपयोगी कार्यों के लिए अनियमित तरीका से खर्च कराना चाह रहा है।
सरयू राय
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