- हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सोमवार देर रात 11 जनवरी के कार्यक्रम को दिया गया अंतिम रूप
- पांच मेंबरी समिति की देखरेख में पूरी की जाएगी प्रक्रिया, कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रशासन की
- प्रधान पद के प्रत्याशी मिंदी व महेंदर सिंह को नई तिथि की नहीं दी गई कोई जानकारी
- भगवान सिंह खेमे का उत्साह चरम पर, जनसंपर्क अभियान को किया और तेज
उदित वाणी, जमशेदपुर: लौहनगरी समेत पूरे कोल्हान के गुरुद्वारों की शीर्ष संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी सीजीपीसी के अध्यक्ष (प्रधान) का चुनाव बुधवार 11 जनवरी को कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है. पांच मेंबरी चुनाव संचालन समिति की देखरेख में मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी जबकि कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस प्रशासन की रहेगी. हालांकि सोमवार देर रात तक अध्यक्ष पद के चार में से दो प्रत्याशियों हरमिंदर सिंह मिंदी व महेंदर सिंह को 11 जनवरी को चुनाव कराए जाने की कोई जानकारी नहीं थी जबकि एक अन्य प्रत्याशी भगवान सिंह के समर्थकों में दिख रहा जबरदस्त उत्साह रेखांकित कर रहा था कि 11 जनवरी को चुनाव संपन्न हो जाने को लेकर वेलोग निश्चिंत हैं. वैसे देर रात पांच मेंबरी कमेटी में से कोई भी सदस्य आधिकारिक रूप से बताने को उपलब्ध नहीं मिला कि 11 जनवरी को ही होगा चुनाव. यह बात अलग है कि भीतर ही भीतर इस दिन चुनाव कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
घंटों चला हाई वोल्टेड ड्रामा
सीजीपीसी के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सोमवार को घंटों हाईवोल्टेज ड्रामा चला. दिन में पांच मेबरी चुनाव संचालन समिति धालमूम के एसडीओ से मिली. उन्हें नवीनतम वस्तुस्थिति की जानकारी दी. बताया गया कि जिन तीन गुरुद्वारों सोनारी, सीतारामडेरा व टिनप्लेट में वोटर लिस्ट को लेकर विवाद हुआ था, उनमें सोनारी का विवाद सलट गया है और वहां से 10 वोटरों को मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति दी जा रही है. बाकी बचे दो गुरुद्वारों का विवाद जस का तस है लिहाजा वहां के किसी को मतदाता नहीं बनाया जा रहा. इस तरह से अब 191 की जगह 201 वोटर मतदान में हिस्सा लेंगे. एसडीओ कार्यालय के निकलने के बाद पांच मेंबरी कमेटी की ओर से बताया गया कि 11 जनवरी को उनकी देखरेख में चुनाव कराया जाएगा और प्रशासन खुद को कानून व्यवस्था को बनाए रखने तक सीमित रखेगा.
चुनाव टलवाने को मिंदी कैंप बन्ना से मिला
उधर 11 जनवरी को चुनाव कराये जाने की जानकारी मिलते ही मिंदी व महेंदर सिंह का कैंप हरकत में आया. इन लोगों को जानकारी मिली कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता डीसी-एसडीओ के साथ मीटिंग कर रहे हैं. तब येे लोग अपनी टीम के साथ बन्ना के मिलने पहुंच गए. डीसी की उपस्थिति में बन्ना को सीजीपीसी चुनाव के बारे में जानकारी दी और 15 दिनों तक चुनाव टालने का आग्रह किया. वहीं पर बन्ना गुप्ता ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से 10-15 दिन बाद चुनाव कराने को कहा. तब मिंदी-महेंदर सिंह खेमे ने इसे अपनी जीत मान ली और खुशी मनाने लगे.
भगवान सिंह समर्थक पहुंचे बन्ना के पास, जश्न मनाते लौटे
सीजीपीसी अध्यक्ष पद के एक अन्य उम्मीदवार भगवान सिंह व उनके समर्थकों को जब मिंदी की स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की जानकारी मिली तो वेलोग भी बन्ना से मिलने उनके कदमा आवास पहुंच गये. भगवान सिंह के साथ कई गुरुद्वारों के प्रधान भी थे. उन लोगों ने भी बन्ना के समक्ष अपनी बातों को रखा और 11 जनवरी को ही चुनाव कराने की बात कही. वहां से भगवान सिंह समर्थक खुशी मनाते निकले कि 11 को ही चुनाव कराने की अनुमति मिल गई है.
ऑफ दी रिकार्ड जानकारी देने का खेल
इससे बाद देर रात शुरू हुआ आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं बताने का खेल. जब 11 जनवरी को ही चुनाव कराये जाने के बारे में चुनाव संचावन समिति के पांचों सदस्यों से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो एक भी सदस्य ऑफ दी रिकार्ड यह बताने को उपलब्ध नहीं हुआ कि 11 जनवरी का चुनाव कार्यक्रम फाइनल है. अलबत्ता ऑफ द रिकार्ड यह जानकारी मिली कि डीसी की ओर से मंत्री बन्ना गुप्ता को सारी स्थिति से अवगत करा दिया गया है. प्रशासन अपने को कानून व्यवस्था को बनाए रखने तक सीमित रखेगा. चुनाव कराने का काम पांच मेंबरी कमेटी करेगी और कमेटी 11 जनवरी को मतदान कराने का ऐलान कर ही चुकी है. इसी के अनुरूप चुनाव होगा.
11 के चुनाव कार्यक्रम पर आज विरोध जताएगा मिंदी कैंप
दूसरी ओर हरमिंदर सिंह मिंदी ने देर रात कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने सबके सामने डीसी को हमारे आग्रह पर 10-15 दिन तक चुनाव टाल देने को कहा है. ऐसे में कहीं से 11 तारीख को ही चुनाव कराने की बात हो रही है तो हमलोग इसका कड़ा विरोध करेंगे. मंगलवार को अपनी बातों को रखेंगे और आगे की रणनीति को भी अंतिम रूप देंगे. उन्होंने कहा कि सोमवार को देर रात तक चुनाव संचालन समिति की ओर से उनको 11 जनवरी को चुनाव कराए जाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
चुनाव प्रक्रिया विवाद से खुद को दूर रखना चाहता प्रशासन
उधर ऐसी जानकारी मिली है कि प्रशासन सीजीपीसी चुनाव प्रक्रिया के विवाद से खुद को दूर रखना चाहता है. प्रशासन का स्पष्ट स्डैंट चुनाव संचालन समिति की बैठक में सामने आया. समिति से कहा गया कि चुनाव कराने की जिम्मेदारी समिति की है. प्रशासन का काम तो सिर्फ कानून व्यवस्था को बनाए रखने को लेकर उठाए जानेवाले कदमों तक सीमित है.
घंटों चली गहमागहमी
- पहले धालभूम एसडीओ की सहमति लेकर 11 जनवरी को चुनाव संचावन समिति ने किया चुनाव कराने का ऐलान
- मिंदी व महेंदर सिंह खेमे पहुंचे मंत्री बन्ना के पास, डीसी के मार्फत 10 दिन की मोहलत दिलाई, चुनाव टलता दिखा
- देर रात भगवान सिंह समर्थक पहुंचे बन्ना के दरबार में. वस्तु स्थिति बताई, खुशी मनाते निकले, कल ही चुनाव कराने की बात कही
- पांच मेंबरी कमेटी का कोई सदस्य प्रतिक्रिया देने को उपलब्ध नहीं, भीतर ही भीतर 11 को ही चुनाव कराने को दी हरी झंडी
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।