उदित वाणी, रांची: मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफतार निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट ने झटका दिया. जस्टिस एस के द्विवेदी की अदालत ने उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया.
साथ ही अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त एक आइएएस अधिकारी को जमानत देने का कोई आधार नहीं है. इसलिए पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज की जाती है. 11 मई को गिरफतारी के बाद सिंघल रिम्स में भर्ती है.
उन्होंने थायराइड समेत अन्य बीमारियों का हवाला देकर हाईकोर्ट में जमानत अरजी दाखिल की थी और अदालत से कहा था कि ईडी की जांच में उन्होंने पूरा सहयोग किया है. ईडी को जब भी जरूरत पड़ेगी. वह जांच में सहयोग करेगी. ईडी की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोप तथ्यहीन हैं और उसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है.
परन्तु अदालत ने उनके तर्क को नहीं माना और अरजी खारिज कर दी. वहीं ईडी के अधिवक्ता ए के दास ने पूजा सिंघल की जमानत का विरोध किया. उन्होंने कहा कि पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.
उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं. उसके साक्ष्य भी मौजूद है. सिंघल ने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करके कई जगहों पर निवेश किया है. एक आइएएस अधिकारी का भ्रष्टाचार में लिप्त होना उचित नहीं है.
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