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उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर वर्कर्स महाविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी के महान छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ. सत्यप्रिय महालिक ने सुमित्रानंदन पंत के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि कविता मानव को उड़ान के लिए पंख देती है. पुष्प के समान कविता दिल से निकलकर दिल तक खुशबू बिखेरती चलती है. सुमित्रानंदन पंत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पंत जी की कविता को सामान्यतः रोमांटिसिज्म से जोड़ा जाता है, परंतु यह भी सच है कि कवि को किसी दायरे में नहीं बांधा जा सकता है, क्योंकि कवि अपनी संवेदनाओं और अनुभूतियों को शब्दों में पिरो कर प्रस्तुत करता है. अनुभूतियों की भांति साहित्य का दायरा अत्यंत व्यापक है जिसमें हर भाषा, ज्ञान विज्ञान सब समा जाते हैं.
कार्यक्रम में हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. सुनीता गुड़िया ने पंत जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. प्रो. हरेन्द्र पंडित ने कविता से संबंधित अपने विचार व्यक्त किये. प्रो. कंचन गिरी ने पंत जी की कविता ‘परिवर्तन’ का पाठ किया, प्रो. सुदेशना बनर्जी ने कविता ‘भारत माता’ का पाठ किया. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी कविता प्रस्तुत की तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम के अंत में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग से प्रो. प्रियंका, प्रो. प्रीतिबला सिन्हा, राजनीति विज्ञान की प्रो. गीता कुमारी व अन्य शिक्षकगण के साथ विद्यार्थी उपस्थित थे.
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