उदित वाणी, जमशेदपुर: प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) के तहत प्रमंडल स्तरीय महोत्सव का उद्घाटन समारोह जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री संजय प्रसाद यादव शामिल हुए. इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, सचिव उद्योग अरवा राजकमल, उपायुक्त सरायकेला खरसावां रविशंकर शुक्ला, उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम अनन्य मित्तल सहित अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही.
प्रमंडल के 50 से अधिक इकाइयों ने प्रदर्शनी लगाई
इस महोत्सव में कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों के 50 से अधिक वित्त पोषित इकाइयों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई. प्रदर्शनी में डेयरी प्रसंस्करण, मिलेट्स (रागी), मशरूम, अनाज प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण और सीड कैपिटल से संबंधित इकाइयों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया. इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण मशीनरी उपकरणों का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे उद्यमियों को अपने काम के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त हुई.
मंत्री ने योजना के उद्देश्य पर प्रकाश डाला
इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया कि राज्य के ऐसे उद्यमियों को, जो खाद्य पदार्थों का उत्पादन, पैकेजिंग, और ब्रांडिंग करते हैं, 35% परियोजना लागत का अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों के उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों (SHG), और सहकारी समितियों को भी वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है.
झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम और
माननीय मंत्री ने राज्यवासियों से अपील करते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों का उत्पादन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग छोटे स्तर पर अधिक से अधिक संख्या में करें ताकि झारखंड आत्मनिर्भर बन सके. इस योजना के माध्यम से सरकार छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 2024-25 में राज्य में 1638 PMFME लोन स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिलों में 500 से अधिक इकाइयां स्थापित की गई हैं.
बैंक से ऋण प्राप्त करने में मिलेगी आसानी
मंत्री ने यह भी कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए जनता को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, क्योंकि जिले के DRP द्वारा आवेदन भरने और ऋण स्वीकृति में सहायता प्रदान की जा रही है. उन्होंने बैंकों से अपील की कि वे अच्छे आवेदनों को शीघ्र स्वीकार कर भुगतान करें, जिससे अधिक से अधिक लोग इस योजना से जुड़ सकें.
आत्मनिर्भर झारखंड के निर्माण की दिशा में महोत्सव का महत्वपूर्ण योगदान
मंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में झारखंड में फूड प्रोसेसिंग उद्योग से जुड़ी और भी अधिक इकाइयां स्थापित होंगी, और झारखंड देश में छोटे-छोटे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा.
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