उदित वाणी, जमशेदपुर: सोनारी हवाई अड्डे से संचालित अल्केमिस्ट एविएशन में आज से पायलट प्रशिक्षण की प्रक्रिया पुनः शुरू हो रही है. इस अवसर पर तीन विमान तैनात किए गए हैं, जिनमें 29 युवा पायलट प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. अल्केमिस्ट एविएशन के प्रमुख मृणाल कांतिपाल ने सोमवार को बेल्डी क्लब में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी.
डीजीसीए से मिली मंजूरी के बाद पुनः शुरू हुआ प्रशिक्षण
20 अगस्त 2024 को अल्केमिस्ट एविएशन के एक ट्रेनिंग विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, डीजीसीए ने इस पर तत्काल रोक लगा दी थी. हालांकि, डीजीसीए की जांच के बाद सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के बाद अब एविएशन को फिर से प्रशिक्षण की अनुमति मिल गई है. मृणाल कांतिपाल ने बताया कि डीजीसीए की गाइडलाइन के अनुसार, एविएशन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और प्रशिक्षकों को सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
ट्रेनिंग शुल्क और उपलब्ध पाठ्यक्रम
अल्केमिस्ट एविएशन की ओर से 40 लाख रुपये में कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग और 12 लाख रुपये में प्राइवेट पायलट ट्रेनिंग दी जाती है. इस अवसर पर एविएशन के अन्य अधिकारी, जैसे कप्तान मनीष भास्कर, कैप्टन अंशुमन कुमार सिंह और अकाउंट मैनेजर अजय सहित एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षु भी मौजूद थे.
विमान दुर्घटना की जांच और मुआवजा प्रक्रिया
20 अगस्त 2024 को अल्केमिस्ट एविएशन का 2 सीटर ट्रेनिंग विमान उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था. बाद में एनडीआरएफ और नौसेना की मदद से विमान का मलबा चांडिल से बरामद किया गया था. इस हादसे में कैप्टन जीत शत्रु आनंद और प्रशिक्षु सब्रो दीप दत्त की दुखद मौत हो गई थी.
डीजीसीए की रिपोर्ट में कहा गया कि यह दुर्घटना सुरक्षा चूक या विमान की गड़बड़ी के कारण नहीं, बल्कि स्टंट फ्लाइंग की वजह से हुई थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दुर्घटना के लिए अल्केमिस्ट एविएशन जिम्मेदार नहीं है.
बीमा कवर और मुआवजा प्रक्रिया
मृणाल कांतिपाल ने बताया कि अल्केमिस्ट एविएशन ने प्रति सीट 2 करोड़ रुपये का बीमा कराया था. इस दुर्घटना के बाद, प्रशिक्षक और प्रशिक्षु के परिवारों को क्रमशः 2-2 करोड़ रुपये और विमान के लिए 40 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. प्रशिक्षु शुभ्रोदीप दीप के अभिभावकों ने जरूरी कागजात उपलब्ध करवा दिए हैं, जिसके आधार पर क्लेम पेपर इंश्योरेंस कंपनी को भेजे गए हैं. वहीं, कैप्टन जीत शत्रु आनंद के परिजनों की ओर से मुआवजा के लिए कागजात अब तक नहीं दिए गए हैं, जिस कारण मामला लंबित है.
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