उदित वाणी, जमशेदपुर: मानगो पारडीह कुमरूम बस्ती के तालाब को बचाने के लिए आज स्थानीय लोगों ने पैदल मार्च किया. पहाड़ के तराई में बसी हुई बस्ती के लोगों के लिए यह तालाब पानी का एक मात्र स्रोत था। एनएच-33 के निर्माण के समय तालाब का 30 फीसदी हिस्सा एनएच 33 में चला गया.
निर्माण के समय गार्डवाल नहीं बना कर सीधे फ्लाई ऐश और मिट्टी की भराई कर दी गई जिसके कारण शेष 70 प्रतिशत हिस्सा में फ्लाई ऐश और मिट्टी भर गया, जिसके कारण तालाब मृत हो गया. कई लोगों का तालाब में मछली मारने से जीवन यापन चलता था, जो पूरी तरह बंद हो गया.
स्थानीय लोगों का कहना है छठ पूजा, मंगला पुजा, दुर्गा पूजा का विसर्जन सहित सभी धार्मिक पूजन इसी तालाब में होता था जो आब पूरी तरह बंद हो गया है. एनएच के निर्माण के बाद शेष बचे हुए 70 प्रतिशत तालाब को जीवित करने के लिए स्थानीय लोगों ने एनएचएआई के अधिकारियों से अनुरोध किया, लेकिन वे लोग सरकारी कार्य का हवाला देकर डरा रहे हैं.
मामले की जानकारी मिलते ही भाजपा नेता विकास सिंह मौके पर पहुंचे और कहा कि एनएचएआई के द्वारा अगर तालाब को पुनः जीवित नहीं किया गया तो एनएचएआई के कार्यालय में स्थानीय लोगों के साथ पारंपरिक हथियार के साथ प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों के ऊपर मुकदमा दर्ज करवाने की बात भी कही.
पैदल मार्च में विकास सिंह, अमूल्य महतो, विजय महतो, लक्ष्मण महतो, गोपाल यादव, अधूरी महतो, पार्वती महतो, संगीता महतो, पर्वती देसी, बासंती महतो, गायत्री महतो, जागोरी महतो, शांति महतो, मालती देवी, अर्चना महतो, दिलीप महतो, खगेन महतो, राजू महतो, अजय महतो, गणेश कालिंदी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
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