उदित वाणी, जमशेदपुर: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के दूसरे संस्करण में छात्रों से संवाद किया. पीपीसी के माध्यम से बीपीएम बर्मामाइन्स, उत्क्रमित उच्च विद्यालय लक्ष्मीनगर, सिस्टर निवेदिता बर्मामाइन्स, केरल पब्लिक स्कूल बर्मामाइन्स और अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया. इस बार कार्यक्रम का दायरा और भी बड़ा था, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की भागीदारी अधिक देखने को मिली. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित इस अनूठे टाउन हॉल प्रारूप में प्रधानमंत्री ने विद्यालयों के छात्रों से सीधे बातचीत की. इस कार्यक्रम में एक ऑनलाइन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें 2.63 लाख प्रविष्टियां प्राप्त हुई.
परीक्षा को लेकर पीएम मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्कूल में अक्सर बच्चे फेल होते हैं, लेकिन यह जीवन का अंत नहीं है. उन्हें पुनः प्रयास करने की प्रेरणा दी. उन्होंने छात्रों को यह समझाने की कोशिश की कि “जिंदगी अटकती नहीं है, आपको यह तय करना होगा कि आपको जीवन में सफल होना है या किताबों में सफल होना है.” पीएम मोदी ने बच्चों को यह भी सलाह दी कि जो विषय डराते हैं, उनसे पहले निपटने की कोशिश करें.
विस्तारित भागीदारी और संवाद
पीपीसी के इस संस्करण में प्रधानमंत्री से बातचीत करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. इसमें सरकारी स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल, सीबीएसई और नवोदय विद्यालय के छात्र-छात्राएं शामिल थे. पीएम मोदी ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें जीवन के महत्व को समझाया और असफलता से न घबराने की सलाह दी.पीएम मोदी ने विद्यार्थियों से यह कहा कि “आपकी मेहनत और संकल्प ही आपकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करेंगे.”
प्रधानमंत्री मोदी के इस संवाद से छात्रों को न केवल परीक्षा के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण मिला, बल्कि उन्होंने जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी मार्गदर्शन प्राप्त किया.
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