उदितवाणी, जमशेदपुर: शहर के कई स्कूलों ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को सूचित किया है कि सत्र 2023-24 से 9वीं क्लास व उससे ऊपर की कक्षाओं में कमजोर वर्ग के बच्चों को भी पूरी फीस देनी होगी.
आठवीं कक्षा तक उन्हें फीस में जो रियायत मिली वह अब 9वीं कक्षा में नहीं मिलेगी. आठवीं तक दी जाने वाली रियायत आरटीई के तहत दी जा रही थी, लेकिन आरटीई कक्षा आठवीं तक ही प्रभावी है. परंतु केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति-2020 में प्रावधान है कि 12वीं तक कमजोर वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देनी है.
चूंकि झारखंड सरकार ने नई शिक्षा नीति को लेकर इस प्रावधान के आलोक में स्कूलों को कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है, इसलिए स्कूल 9वीं कक्षा से पूरी फीस लेने की तैयारी में हैं.
सोमवार को जमशेदपुर अभिभावक संघ ने रैली निकाल कर इस मुद्दे को मुखर किया. संघ के अध्यक्ष डॉ. उमेशकुमार ने कहा कि कमजोर वर्ग के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, लेकिन झारखंड सरकार नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है. इस कारण सत्र 2023-24 में निजी स्कूलों में 9वीं कक्षा में जाने वाले बच्चों को सामान्य वर्ग की तरह ही फीस देनी होगी.
इससे अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कुमार ने बताया है कि इस संबंध में झारखंड सरकार द्वारा कोई स्पष्ट निर्देश स्कूल प्रबंधन को नहीं दिया गया है.
इसलिए स्कूल प्रबंधन ने अप्रत्यक्ष रुप से अभिभावकों को सूचित किया है. ऐसे में पूरी फीस देना अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के अभिभावकों के लिए संभव नही है. इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो सकती है. डीसी ऑफिस के समक्ष इसके खिलाफ रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया.
मांग की गई कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में नई शिक्षा नीति को लागू करने के प्रति गंभीरता दिखाते हुए इस संबंध में त्वरित निर्णय लिया जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई निर्बाध रुप से जारी रहे.
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