उदित वाणी, जमशेदपुर: ठंडी हवाओं और कड़कते शीत से ठिठुरते हुए जादूगोड़ा के खड़िया कोचा गांव में 26 सबर परिवारों के बीच जब पप्पू सरदार सांता क्लॉज बनकर पहुंचे, तो गांव के लोग हैरान रह गए. फिल्म अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के फैन पप्पू सरदार ने ठंडी से राहत दिलाने के लिए इन परिवारों के बीच कम्बल, ऊनी टोपी, स्वेटर, टॉफी, बिस्कुट, और अन्य गर्म कपड़े वितरित किए. इस मदद से सबर जनजाति के लोगों के चेहरों पर खुशी और संतोष के भाव दिखाई दिए.
ख़ुशियों का तोहफा
झरिया गांव के खड़िया कोचा में ठंड का प्रकोप इतना था कि वहां के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी ठिठुर रहे थे. पप्पू सरदार सांता क्लॉज की टोपी पहनकर बच्चों से मिले और उन्हें इस ठंड से राहत देने का प्रयास किया. बच्चों ने सांता क्लॉज का स्वागत किया और उन्हें करीब से देखा. यह दिन उनके लिए खुशी लेकर आया और उन्होंने ठंडी हवाओं में राहत महसूस की.
सरकार से अपेक्षाएं
पप्पू सरदार ने सबर जनजाति के परिवारों की बदहाली देखकर सरकार से मदद की अपील की. उनका कहना था कि इन परिवारों के उत्थान के लिए राज्य सरकार को कदम उठाने चाहिए. पप्पू सरदार ने बताया कि वह 1993 से ही गरीबों के बीच काम कर रहे हैं और यह कार्य आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने इस क्षेत्र को गोद लेने और यहां के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने की आवश्यकता पर बल दिया.
महिला किसानों में सांता क्लॉज का संदेश
पप्पू सरदार ने सांता क्लॉज का संदेश देने के लिए उन आदिवासी महिलाओं से भी मुलाकात की, जो खेतों में धान की कटाई कर रही थीं. उन्हें सांता क्लॉज की टोपी और टॉफी भेंट दी गई. महिलाएं भी खुशी के साथ टोपी पहनकर इस उपहार को स्वीकार करती हुई नजर आईं. इस कार्यक्रम ने न केवल राहत पहुंचाई, बल्कि लोगों को एकता और प्रेम का संदेश भी दिया.
विकास की दिशा में कदम
सबर जनजाति के उत्थान की दिशा में पप्पू सरदार की यह पहल महत्वपूर्ण साबित हो रही है. उन्होंने इन गांवों में गरीबी और विकास की कमी को दूर करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि समाज में एकता और मदद से ही हम एक बेहतर भविष्य की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं.
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