
उदित वाणी, जमशेदपुर: मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाया है. आज कॉलेज में ग्रीन इनिशिएटिव का शुभारंभ हुआ और साथ ही संस्थान की पहली सामुदायिक स्मारिका “मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन” (MTMC BEACON) का विमोचन भी किया गया.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नवनीत कुमार एवं विशिष्ट अतिथि, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक स्मिता पंकज मौजूद थे.
हरित कैंपस सर्टिफिकेशन
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज को AICTE द्वारा हरित कैंपस सिल्वर सर्टिफिकेशन प्रदान किया गया. इस प्रमाणन के तहत, कॉलेज ने ऊर्जा संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग और ऊर्जा-कुशल उपकरणों की स्थापना की है. इसके अलावा, पानी की बचत के लिए वर्षा जल संचयन और पानी के पुनर्चक्रण की सुविधाएं स्थापित की गई हैं. कचरे का प्रबंधन करते हुए कॉलेज ने बायोडिग्रेडेबल और नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे का अलग-अलग प्रबंधन किया है. इसके साथ ही, कॉलेज ने परिसर में वृक्षारोपण और हरे-भरे क्षेत्रों की देखभाल कर हरित क्षेत्र का विस्तार भी किया है. इन सभी पहलुओं के साथ कॉलेज अब प्लैटिनम सर्टिफिकेशन के लिए प्रयासरत है.
कॉलेज के डीन प्रदीप गौड़ा ने इस पहल को “भविष्य के लिए पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी” के रूप में पेश करते हुए कहा, “यह पहल एक नए युग की शुरुआत है, जहां चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण और समाज के लिए कार्य करना हमारी प्राथमिकता होगी.”
“मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज-बीकन” का विमोचन:
इस अवसर पर कॉलेज की सामुदायिक स्मारिका “मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन” का विमोचन किया गया. यह स्मारिका कॉलेज के सामुदायिक सेवाओं, पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों और आउटरीच कार्यक्रमों को समर्पित है. इसमें स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में कॉलेज द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों का विस्तृत विवरण दिया गया है.
कॉलेज के प्रबंध निदेशक ने कहा, “यह स्मारिका केवल उपलब्धियों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह छात्रों और समाज को प्रेरणा देने का माध्यम भी है. यह हमें यह याद दिलाती है कि हमारी जिम्मेदारी केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और पर्यावरण की भलाई के लिए भी है.”
मानव और प्रकृति का संबंध अटूट: न्यायमूर्ति नवनीत कुमार
मुख्य अतिथि, झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नवनीत कुमार ने पर्यावरण संरक्षण को वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया. उन्होंने कहा, “मानव और प्रकृति का संबंध अटूट है. यदि हम इसे संतुलित नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियां संकट में पड़ जाएंगी. मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने यह साबित कर दिया है कि संस्थान भी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.”
उन्होंने “मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन” की सराहना करते हुए कहा कि यह स्मारिका समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम बनेगी. उन्होंने छात्रों को सामुदायिक सेवा के महत्व को समझने और उसमें सक्रिय रूप से भाग लेने की प्रेरणा दी.
पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं: स्मिता पंकज
विशिष्ट अतिथि, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक स्मिता पंकज ने वन और पर्यावरण संरक्षण को सभी नागरिकों का नैतिक कर्तव्य बताया. उन्होंने कहा, “पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर संस्था और व्यक्ति की है. मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज का ग्रीन कैंपस प्रमाणन यह दर्शाता है कि एक संस्थान भी अपने दायित्व को बखूबी निभा सकता है.”
स्मिता पंकज ने कॉलेज के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणादायक बताया.
विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्रोजेक्ट किए प्रस्तुत
कार्यक्रम में कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा से जुड़े प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए. वृक्षारोपण अभियान में छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर 100 से अधिक पौधे लगाए.
इसके अलावा, सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया.
कॉलेज के डीन ने कहा, “छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी यह साबित करती है कि सामूहिक प्रयासों से बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है.”
भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के दौरान, कॉलेज के प्रबंधन ने अपनी भविष्य की योजनाओं का भी खाका प्रस्तुत किया. उनकी योजनाओं में शामिल हैं:
1. सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं: ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष अभियान.
2. ग्रीन एनर्जी: कॉलेज को पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर बनाने की योजना.
3. पर्यावरण शिक्षा: छात्रों के पाठ्यक्रम में पर्यावरण शिक्षा को अधिक प्रमुखता दी जाएगी.
4. सामुदायिक जागरूकता अभियान: पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर कार्यक्रम.
वृक्षारोपण अभियान
कार्यक्रम के समापन पर वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने मिलकर 100 से अधिक पौधे लगाए.
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