उदित वाणी जमशेदपुर: मानव तस्करी खासकर बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन टाटानगर रेलवे स्टेशन के कांफ्रेंस हॉल में किया गया, जिसमे सीकेपी डिविजन के लगभग 50 से ज़्यादा आरपीएफ के पदाधिकारी शामिल हुए, जहां आरपीएफ रेलवे चाइल्डलाइन के द्वारा अब तक की कार्रवाई की समीक्षा भी की गई कुछ दिन पहले बचपन बचाओ आंदोलन के फाउंडर कैलाश सत्यार्थी और रेलवे मिनिस्ट्री आरपीएफ के बीच मानव तस्करी खासकर बच्चों की तस्करी की रोकथाम को लेकर एमओयू हुआ है, जिसके तहत पूरे भारतवर्ष के विभिन्न स्टेशनों में आरपीएफ के द्वारा विशेष टीम का गठन कर कार्य किया जा रहा है खासकर साउथ ईस्टर्न रेलवे के सीकेपी डिविजन में मुख्य रूप से टाटानगर चक्रधरपुर, राउरकेला और झाड़सुगुड़ा स्टेशन में आरपीएफ मुख्य रूप से अपना दायित्व निभा रही है, वहीं दूसरी तरफ जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा भी इस क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है ऐसे में टाटानगर रेलवे स्टेशन में एक कार्यशाला का आयोजन कर आरपीएफ को जुमीनाइल जस्टिस एक्ट, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के अंतर्गत जितने भी धाराएं हैं उसे बताने का कार्य किया गया इस दौरान इस क्षेत्र में कार्यरत टीम के पदाधिकारियों ने अपनी शंकाओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के मजिस्ट्रेट के समक्ष रखा जहां उनकी शंकाओं का समाधान किया गया साथ ही डालसा द्वारा बच्चों की तस्करी को रोकने के क्षेत्र में जिस तरह से कार्य किया जा रहा है उसकी जानकारी साझा की गई ताकि आपस में सामंजस्य बना कर ह्यूमन ट्रैफिकिंग खासकर बच्चों की तस्करी को रोकने की दिशा में कार्य किया जा सके, वही जानकारी देते हुए आरपीएफ ओसी संजय कुमार तिवारी ने बताया कि भोले-भाले लोग खासकर बच्चे इन तस्करों के चंगुल में फंस जाते हैं, ऐसे में इन तस्करों के चंगुल से बचाने के लिए लगातार पारा वैलेंटी और आरपीएफ साथ ही चाइल्ड वेलफेयर की मदद से मानव तस्करी पर रोक लगाने का कार्य किया जा रहा है शिकार हुए बच्चों को सही सलामत रेस्क्यू करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
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