उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर में कोरोना के सोमवार को 89 टेस्ट में ही 13 लोग कोरोना पोजिटिव पाये गये. आरटीपीसीआर टेस्ट 76 में 10 कोरोना पोजिटिव पाये गये जबकि 13 ट्रूनेट टेस्ट हुआ, जिसमें 3 लोग कोरोना पोजिटिव पाये गये. जमशेदपुर में जो 13 लोग कोरोना पोजिटिव पाये गये है, उसमें बारीडीह में 2, टेल्को में 1, गोलमुरी में 1, सोनारी में 4, गोविंदपुर में 1, बागबेड़ा में 1, बिष्टुपुर में 1 और अन्य जिलों के दो मरीज शामिल है.
इस तरह कोरोना पोजिटिव का कुल संख्या बढ़कर 70061 हो चुका है. वहीं, सोमवार को 9 लोगों ने कोरोना को मात दे दी. कोरोना को मात देने वालों की कुल संख्या 68793 हो चुका है. वहीं, अब तक जमशेदपुर में 1134 लोग कोरोना से मर चुके है. अब कोरोना का एक्टिव केस बढ़कर 134 हो चुका है. इस तरह कोरोना का पोजिटिविटी रेट 14.61 फीसदी तक पहुंच गया जबकि रिकवरी रेट 98.21 फीसदी हो चुका है.
बहरहाल, देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जमशेदपुर में भी सावधानी जरूरी है, क्योंकि राज्य में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. स्थिति यह है कि पिछले बीस दिनों में यहां कोरोना के एक्टिव केस छह गुना बढ़ गए हैं. यहां 20 जून तक कोरोना के एक्टिव केस की संख्या सौ के आसपास थी जो अब बढ़कर 600 से अधिक हो गई है. राज्य में पिछले तीन दिनों से कोरोना के नए मामले सौ से अधिक संख्या में मिल रहे हैं.
वहीं, राज्य में हर दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं, इसके बावजूद टेस्टिंग की रफ्तार थम गई है. जबकि राज्य के सभी जिलों में टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं रिम्स, एमजीएम, पीएमसीएच और इटकी में बड़े स्तर पर टेस्टिंग की व्यवस्था है. जहां एक दिन में 50-60 हजार सैंपल तक टेस्ट किए जा सकते है. फिर भी 24 घंटे में मात्र 2564 सैंपल की टेस्टिंग की गई है. जिससे समझा जा सकता है कि टेस्टिंग को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कितने गंभीर है.
बताते चलें कि कोरोना की इस लहर में 7200 से अधिक सैंपल की टेस्टिंग एक दिन में नहीं हुई है. अगर टेस्टिंग बढ़ाई जाती है तो ज्यादा मरीजों का पता लगाया जा सकेगा. जिससे कि संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी. इस बीच झारखंड के लिए राहत भरी खबर है. रिम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में कोई भी नये वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है.
अभी राज्य में ओमिक्रोन का पुराना वैरिएंट (बीए-टू) ही संक्रमण का कारण है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई नया वैरिएंट मिलता है, तो संक्रमण का फैलाव तेज होगा और उससे निबटने के तरीकों में भी बदलाव की जरूरत पड़ सकती है. लेकिन पुराना ही वैरिएंट पाये जाने से इसका फैलाव बहुत तेज नहीं होगा और इसका इलाज हम बेहतर तरीके से जानते हैं.
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