उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील के ग्लोबल एमडी टीवी नरेन्द्रन ने कहा कि जमशेदपुर में हवाई हड्डा बनाने में कई अड़चनें हैं. सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक समारोह में नरेन्द्रन ने कहा कि इस बारे में डीजीसीए (डायरेक्टर जेनरल ऑफ सिविल एविएशन) से बात हुई हैं. एयरक्राफ्ट के उड़ान भरने के लिए डीजीसीए को प्रस्ताव भी दिया गया. लेकिन डीसीसीए ने उड़ान भरने की मान्यता नहीं दी, क्योंकि सोनारी हवाई अड्डा के आसपास के भवन के चलते दुर्घटना की संभावनाएं ज्यादा है.
यही नहीं रनवे की लंबाई कम है. इसे बढ़ाने के लिए निवेश की जरूरत होगी. यही नहीं जमशेदपुर से हवाई उड़ान कमर्शियली वाएबल नहीं है. जहां तक एयर इंडिया के उड़ान की बात है तो एयर इंडिया के जहाज का उड़ान संभव नहीं है. एयर इंडिया एक्सप्रेस के छोटे विमान होते हैं, उसकी कोलकाता के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट हो सकती है. इस बारे में हमारी डीडीसीए से लगातार बात चल रही है. ऐसे में मुझे लगता है कि धालभूमगढ़ में सरकार की ओर से प्रस्तावित हवाई अड्डा के बनाने में हमें सहयोग करना चाहिए.
शहर के बीचोबीच हवाई अड्डा हो नहीं सकता. मुंबई और बंगलुरू में भी हवाई अड्डा शहर से 40-50 किलोमीटर दूर है. जहां तक एयर एंबुलेस के रात में लैंड और टेक ऑफ करने की बात है तो हॉस्पिटल की ओर से कोई अड़चन नहीं है.
बारहवीं के बाद छात्रों के पलायन को रोकने के लिए शहर में क्वालिटी एजुकेशन इन्स्टीट्यूट्स होने चाहिए
इस सवाल के जवाब में एमडी टाटा स्टील टीवी नरेन्द्रन और वीपीसीएस चाणक्य चौधरी ने कहा कि दस साल की कोशिश के बाद हमने शहर में टाटा मणिपाल मेडिकल कॉलेज खोलने में सफलता पाई है. कॉलेज के थर्ड एयर का बैच आने वाला है.
अगर कोई संस्थान शहर में आता है तो हम उसे पूरा सहयोग करेंगे. अभी झारखंड सरकार ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव पास किया है. हमने सरकार को इस बारे में मदद करने को कहा. शिक्षा के क्षेत्र में जो एक्सपर्ट्स हैं, वे अगर आगे आते हैं तो हम जरूर मदद करेंगे.
टीएमएच को मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया जाना चाहिए
इस सवाल के जवाब में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेन्द्रन और वीपी सीएस चाणक्य चौधरी ने कहा कि टीएमएच इंडस्ट्रियल हॉस्पिटल है. इसकी क्षमता एक हजार बेड की है. आप देश के सुपर हॉस्पिटिलिटी में बेड की संख्या को देख लिजिए, मुश्किल से 200-300 है. हम एक हजार लोगों की सेवा कर रहे हैं.
बावजूद पिछले कुछ सालों में हमने टीएमएच में कैंसर, हॉर्ट के क्षेत्र में काफी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को रखा है और सुविधाएं भी बढ़ाई हैं. डायबिटिक पेशेंट तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके लिए हमने टीएमएच में एक डॉक्टर को मधुमेह के इलाज के लि रखा है. हम टीएमएच में ही स्मॉल डायबिटिक सेंटर खोलने जा रहे हैं. हॉस्पिटल हम पैसा कमाने के लिए नहीं चलाते. अगर हेल्थकेअर सेक्टर का कोई विशेषज्ञ सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल शुरू करना चाहते हैं तो हम उसे पूरा सहयोग करेंगे.
कीनन स्टेडियम में फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट मैच होने चाहिए?
इस सवाल के जवाब में टाटा स्टील के वीपीसीएस चाणक्य चौधरी ने कहा कि कीनन स्टेडियम में अन्तर्राष्ट्रीय मैच को लेकर हमारी दो-दो बार बातचीत बीसीसीआई के साथ हुई है. फिलहाल कीनन को रिनोवेट करना होगा.
अन्तर्राष्ट्रीय मैच के लिए अगर बीसीसीआई भी कीनन के जीर्णोद्धार करने में मदद करता है तो हो सके आने वाले दिनों में मैच संभव हो. लेकिन इस बीच हम दूसरे खेलों को काफी प्रोत्साहित कर रहे हैं. मोहन आहूजा को जल्द हम अपग्रेड करेंगे, ताकि बैंडमिंटन के बड़े मैच हो सके.
लोकल वेंडर को प्राथमिकता मिलनी चाहिए
टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेन्द्रन ने कहा कि पिछले कुछ सालों में टाटा स्टील में लोकल वेंडर का प्रतिशत बढ़ा है. हम हमेशा लोकल वेंडर के साथ है. महामारी में जब बाहर से सामान मंगाना मुश्किल हो रहा था, लोकल वेंडर ने काफी मदद किया. लेकिन टाटा स्टील ग्लोबल कंपनी है. इसका टेंडर और प्रोक्योरमेंट ग्लोबल होता है. मुझे लगता है कि आपको अपनी क्वालिटी और सर्विस को ग्लोबल स्टैंडर्ड का करना होगा.
इससे टाटा स्टील के साथ ही दुनिया भर की कंपनियों के साथ बिजनेस करने की संभावनाएं बढ़ेंगी. उन्होंने कहा कि किसी भी देश की जीडीपी में एमएसएमई की भूमिका काफी अहम होती है. मुझे लगता है कि जब चीन और रूस रिस्क जोन में हैं, वैसे में दुनिया भारत के उद्योगों की ओर देख रही हैं और यह समय आपके लिए काफी सही है.
1800 एकड़ की कंपनी के लिए हम 15000 एकड़ के शहर को संभालते है. हम सरकार के सब्सिच्यूट्स नहीं है,
हम बाहर से मदद कर सकते हैं-नरेन्द्रन
टीवी नरेन्द्रन ने विभिन्न व्यापारिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे सरकार नहीं है और न ही उसके सब्सिच्यूट्स हैं कि जनता की सारी समस्याओं का समाधान करें. हम सरकार को सपोर्ट कर सकते हैं.
किसी कंपनी के लिए एक शहर चलाना आसान नहीं है. 1800 एकड़ की कंपनी के लिए हम 15000 एकड़ के शहर को संभालते हैं. टाटा स्टील की दूसरी कंपनियों में जाकर देख लें, हमारा फोकस केवल अपने कर्मचारियों पर ज्यादा होता है. जबकि जमशेदपुर में हमें कर्मचारियों के साथ ही समुदाय का काफी ख्याल रखना होता है. जमशेदपुर हमारा मदर प्लांट है, इसलिए इसके साथ इमोशनल कनेक्ट है.
हम सड़कों पर, हेल्थ पर, पार्क या नागरिक सुविधाओं पर जो खर्च करते हैं, वह सीएसआर के इतर होता है. लोगों को लगता है कि टाटा स्टील ये सड़कें सीएसआर के तहत बना रही है. यह सच्चाई नहीं है. किसी शहर को चलाने के लिए कम्युनिटी को भी सहयोग करने की जरूरत है. आप हमारे एनुअल रिपोर्ट में देखेंगे तो पाएंगे कि हमने शहर पर इस साल 400-500 करोड़ रूपए खर्च किए हैं.
लेकिन हमारी भी एक सीमा है. हम पर भी स्टील बाजार में अपना अस्तित्व बनाए रखने का दबाव है. हमे भी दूसरी कंपनियों से कम्पीट करना होता है. लांग टर्म में सस्टेन करने के लिए हमें न केवल दूसरी कंपनियों से कम्पीट करना होगा बल्कि अपने आप को प्रोफिटेबल भी बनाए रखना है. टाटा स्टील एक मल्टी जेनरेशनल कंपनी है. हमने पिछले कुछ सालों में अपनी उत्पादकता को काफी बढ़ाया है. इसमें कर्मचारियों के साथ ही यूनियन का काफी सपोर्ट रहा है. हमें क्वालिटी के साथ ही बेहतर सर्विस और प्रोफिटेबल भी बनना होता है.
चैंबर अध्यक्ष मूनका ने व्यापारियों की समस्याओं को रखा
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने टाटा स्टील के ग्लोबल एमडी टीवी नरेन्द्रन का स्वागत किया और व्यापारियों की विभिन्न मांगें रखीं. उन्होंने लोकल वेंडर को प्राथमिकता देने के साथ ही वेंडरों के गेट पास के इश्यू भी उठाये. समारोह में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष निर्मल काबरा, अशोक भालोटिया, एके श्रीवास्तव, सुरेश सोंथालिया ने भी अपने विचार रखें. कार्यक्रम का संचालन मानव केडिया और धन्यवाद ज्ञापन किशोर गोलच्छा ने दिया.
अगले दो तीन सालों में जमशेदपुर में दो हजार करोड़ का नया निवेश होगा-टीवी नरेन्द्रन
टाटा स्टील के सीईओ सह ग्लोबल एमडी टीवी नरेन्द्रन ने कहा कि टाटा समूह अगले दो तीन साल में जमशेदपुर में दो हजार करोड़ का नया निवेश करने जा रहा है. इस निवेश से शहर में रोजगार के साथ ही व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. चैंबर भवन बिष्टुपुर में सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित समारोह में एक पूछे गये सवाल के बारे में कहा कि जमशेदपुर में टाटा स्टील के विस्तार की संभावनाएं ज्यादा नहीं है. 1800 एकड़ में फैले जमशेदपुर प्लांट की क्षमता 10 मिलियन टन है.
लेकिन हम शहर में अपने डाउनसाइजिंग बिजनेस को बढ़ा रहे हैं. टिनप्लेट अपने उत्पादन क्षमता को डबल करने जा रहा है. इसके लिए टिनप्लेट लगभग 15 सौ करोड़ का निवेश करेगा. यही नहीं तार कंपनी में नया रोथिंग मिल लगने जा रहे हैं. जेमको में 600-700 करोड़ रूपए का निवेश होने जा रहा है. इसके अलावा उषा मार्टिन यानि लांग प्रोडक्ट्स में हम निवेश करने जा रहे हैं.
कंपनी का उत्पादन 40 मिलियन टन करने का लक्ष्य
एमडी ने बताया कि टाटा स्टील अपने उत्पादन को अगले कुछ सालों में डबल करने जा रहा है. फिलहाल टाटा स्टील की उत्पादन क्षमता 20 मिलियन टन है, जिसे हम 40 मिलियन टन करेंगे. हमारा विस्तार कलिंगानगर, नीलांचल स्टील और भूषण स्टील मेरामंडली (ओडिशा) में होगा.
जमशेदपुर प्लांट में कार्बन फूटप्रिंट कम करने की कोशिश
एमडी ने कहा कि टाटा स्टील, जमशेदपुर प्लांट में कार्बन फूटप्रिंट्स को कम करने के लिए काफी पहल कर रहा हैं. कंपनी के अंदर नई तकनीक को अपनाकर प्रदूषण को कम करने की कोशिश की जा रही है. कार्बन कैप्चर करने की तकनीक के साथ स्क्रैप की नई नीति बनाई गई हैं. हम स्क्रैप की रिसाइक्लिंग पर जोर दे रहे हैं. हमारा जोर कंपनी की सस्टेनेबिलिटी पर है. टाटा स्टील इंटर जेनरेशनल कंपनी है, हमारी कोशिश है कि आने वाली पीढ़ी को एक ऐसी कंपनी धरोहर में मिलें जो इको फ्रेंडली हो.
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