उदित वाणी, रांची: अवैध खनन को लेकर ईडी की जांच के बीच मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने नहले पे दहला कहावत को चरितार्थ करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है.
जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि झारखण्ड के साहिबगंज समेत अन्य जिलों में अवैध खनन को बढ़ावा देने में व परिवहने में रेलवे एवं इनके पदाधिकरियों की मिलीभगत रहती है तथा साजिश के तहत रेलवे द्वारा झारखंड राज्य के झारखंड इंटीग्रेटेड माइन्स एण्ड मिनिरल्स मैनेजमेंट सिस्टम [जेआईएमएमएस] पोर्टल से अपने एफआईओएस का एकीकरण नहीं किया जा रहा है.
बगैर चालान अथवा फर्जी चालान के आधार पर अवैध रूप से खनिज संपदा का रेल मार्ग से परिवहन किया जा रहा है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन एवं इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता एवं अन्य सभी संबंधित बिन्दुओं की जाँच के लिए एक उच्च स्तरीय जाँच समिति के गठन का निर्णय लिया गया है तथा उन्होंने रेलमंत्री से आग्रह किया कि वे रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्च स्तरीय जाँच समिति को पूरा सहयोग करने के लिए निर्देश दें.
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से बताया कि झारखण्ड से अवैध खनन को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है. सरकार के गठन के बाद लगातार बैठकों के माध्यम से निर्देश निर्गत करने, सघन छापामारी अभियान चलाने एवं प्राथमिकी दर्ज करने, जिला एवं राज्य स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा सतत् निरीक्षण, सूचना तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.
राज्य सरकार द्वारा पूर्णतया ऑनलाइन माध्यम से खनिज प्रबंधन के लिए जेआईएमएमएस को प्रभावी किया गया है. जिसके माध्यम से ऑनलाइन परमिट, ई-चालान, ऑनलाइन भुगतान इत्यादि कार्य किये जाते हैं.
जिसका सकारात्मक परिणाम राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि के रूप में देखने को मिला है. लेकिन अवैध खनन को सबसे अधिक सहयोग परिवहन कर्ताओं से प्राप्त हो रहा है. क्योंकि बिना परिवहन की सुविधा के कोई भी व्यक्ति खनिज का अवैध खनन नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि जबकि राज्य सरकार द्वारा खनन कार्य को नियंत्रित करने एवं अवैध खनन की रोकथाम के लिए जेआईएमएमएस प्रणाली का एकीकरण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल एवं पथ निर्माण विभाग के टोल टैक्स यूजर का सड़क मार्ग से खनिज परिवहन की उचित निगरानी की जा रही है.
परन्तु अवैध खनन के परिवहन की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों में रेलवे द्वारा राज्य को कोई सहयोग प्रदान नहीं किया जा रहा है. रेलवे द्वारा लौह अयस्क को छोड़कर किसी भी अन्य खनिज संपदा के लिए जेआईएमएमएस पोर्टल में इंटीग्रेट से नहीं किया गया है.
हमेशा खबरों से अपडेट रहने के लिए फॉलो करे….
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।