उदित वाणी, जमशेदपुर : झारखंड में नगर निकाय चुनाव लडऩे का सपना पाले कई लोग चुनाव से वंचित हो जाएंगे. वैसे लोग जिनके तीन बच्चे है वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की पात्रता को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं. तीन बच्चे वाले को नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
कानून वैसे लोगों पर लागू होगा जिनका तीसरा बच्चा 9 फरवरी 2013 के बाद पैदा हुआ है क्योंकि निर्वाचन आयोग के द्वारा यह नियम 9 फरवरी 2012 को अधिसूचित किया गया है. इस तिथि से एक वर्ष के बाद से यह कानून लागू हुआ है. इसके अलावा लोक अभियोजक चुनाव नहीं लड़ पायेंगे, वहीं अपर लोक अभियोजक चुनाव लड़ सकते हैं.
तीसरे बच्चे को गोद देने पर भी नहीं बनेगी बात
तीन बच्चों के होने पर चुनाव लडऩे का सपना पूरा नहीं होगा. साथ ही अगर किसी ने तीसरे बच्चे को गोद लिया है तो वे भी अयोग्य साबित होंगे. नगर पालिका अधिनियम के तहत आयोग ने मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है. अगर एक ही बार में जुड़वां या इससे ज्यादा संतान होने से संतानों की संख्या बढ़ी है, तो यह नियम उन पर लागू नहीं होगा.
नगर निकाय के मतदाता किसी भी वार्ड से चुनाव लड़ सकते हैं
अगर नगर के किसी भी वार्ड के मतदाता हैं, तो निकाय चुनाव में किसी भी वार्ड से प्रत्याशी बन सकते हैं. प्रत्याशी बनने के लिए इस बात का ख्याल रखना होगा कि जिस वार्ड से आप प्रत्याशी बनना चाहते हैं वह वार्ड या तो आपकी कोटि के लिए आरक्षित होना चाहिए या फिर ऐसी जाति के लिए आरक्षित होना चाहिए जिस जाति से आप भी प्रत्याशी बन कर चुनाव लड़ सकते हैं. इसके लिए प्रत्याशी को सक्षम पदाधिकारी से निर्गत जाति प्रमाणपत्र होना चाहिए. उसका नाम नगर के किसी भी वार्ड की मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति नगर पर्षद या नगर पंचायत के किसी एक वार्ड का मतदाता है तो वह किसी भी वार्ड से चुनाव लड़ सकता है, जो उसकी कोटि के लिए आरक्षित हो.
सरकार से मानदेय लेनेवाले नहीं होंगे प्रत्याशी
नगर निकाय चुनाव में वैसे व्यक्ति प्रत्याशी नहीं हो सकते जो या तो सरकार से वेतन लेते हैं या फिर मानदेय के रूप में राशि लेते हैं. वैसे सभी कर्मियों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निकाय चुनाव में प्रत्याशी बनने पर पाबंदी लगा दी गयी है. खास कर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, नियोजित शिक्षक, इंदिरा आवास, मनरेगा, सर्वशिक्षा, साक्षरता, न्याय मित्र, विकास मित्र, शिक्षा मित्र के साथ-साथ स्थानीय प्राधिकार द्वारा नियोजित कर्मी भी नगर निकाय चुनाव में प्रत्याशी नहीं बन सकते हैं. साथ ही साथ शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत कर्मी, प्रोफेसर, शिक्षकेतर कर्मचारी, गृहरक्षक, सरकारी वकील आदि के अलावा दलपति को भी प्रत्याशी बनने पर पाबंदी रहेगी.
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