उदित वाणी, कांड्रा: झारखंड शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में सरायकेला स्थित सामुदायिक भवन में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन-2025 का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में जिले के विभिन्न पंचायतों के मुखियाओं ने भाग लिया और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए महत्वपूर्ण चर्चाएं कीं.
शिक्षा सुधार पर जोर
सम्मेलन का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, उपाध्यक्ष मधुश्री महतो, जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा और अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
मुख्य अतिथि सोनाराम बोदरा ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे देश का भविष्य हैं, और उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी समाज की है. उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने और वहां मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की अपील की.
मुखियाओं की भूमिका और जिम्मेदारी
कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल ने शिक्षा के विकास में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका पर बल दिया. उन्होंने कहा कि हर पंचायत में तीन से पांच स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाना चाहिए. इस पहल में जिला प्रशासन हरसंभव सहयोग करेगा.
उन्होंने मुखियाओं से आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्र के ड्रॉपआउट बच्चों को चिन्हित कर उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए सक्रिय प्रयास करें.
शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी
जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा ने सम्मेलन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिले के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी आवश्यक है.
सफल मुखियाओं को मिला सम्मान
सम्मेलन के दौरान विभिन्न पंचायतों के मुखियाओं से संवाद किया गया, उनके उत्कृष्ट कार्यों की जानकारी ली गई और उनके अनुभव साझा किए गए. अंत में, मुरूप, बीरबास, राजनगर, रपचा, कृष्णपुर, खरसावां, चांडिल, पातकुम, आदरडीह, बाडेदा, रुगुडीह, तिलोपदा और उरमल पंचायतों के मुखियाओं को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए अंग वस्त्र, मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
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