उदितवाणी, जमशेदपुर: मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (एमटीएमएच) ने अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए दूसरे एमआरआई, चार बिस्तर वाला आईसीयू और विशेष केबिन का निर्माण कराया है.
दूसरे एमआरआई को टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में लगाया गया है, ताकि टीएमएच के किसी मरीज को एमआरआई करने के लिए एमटीएमएच नहीं लाया जा सके. चाणक्य चौधरी, वाइस प्रेसीडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील ने शुक्रवार को इन नई एमआरआई सुविधा का उद्घाटन किया.
नई मशीन टीएमएच में भर्ती मरीजों को सेवा प्रदान करेगी. इससे पहले, एमआरआई स्कैन के लिए बीमार मरीजों को एम्बुलेंस द्वारा एमटीएमएच परिसर में ले जाया जाता था.
रूचि नरेन्द्रन ने किया इंटेसिव केयर यूनिट का उदघाटन
इसके अलावा श्रीमती रूचि नरेंद्रन ने एमटीएमएच में चार बिस्तरों वाले इन्टेन्सिव केयर यूनिट तथा विशेष केबिन ब्लॉक का उद्घाटन किया. नरोबाबू ( एन.पी. सिन्हा) की स्मृति में मनीष मेटल प्रोसेसिंग एंड इंजीनियरिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड से अनुदान के माध्यम से इस ब्लॉक के निर्माण में सहयोग किया गया. ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए तीन विशेष केबिन बनाए गए हैं, जिन्हें संक्रमण से बचाने की जरूरत है. एमटीएमएच की कुल बिस्तर क्षमता अब 135 होगी.
1975 में हुई थी एमटीएमएच की स्थापना
जमशेदपुर के ट्रस्ट अस्पताल के रूप में एमटीएमएच की स्थापना 1975 में इस क्षेत्र के कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए की गई थी. इसका नाम सर दोराबजी जमशेदजी टाटा की पत्नी लेडी मेहरबाई टाटा के नाम पर रखा गया है. 2017 में, टाटा ट्रस्ट ने नागरिक बुनियादी संरचना और उपकरणों में निवेश के माध्यम से एमटीएमएच को 72 बेड वाले कैंसर अस्पताल से 128 बेड वाले व्यापक कैंसर देखभाल सुविधा में अपग्रेड करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी.
अपग्रेडेड अस्तपाल का शिलान्यास 2 मार्च 2018 को हुआ था
इस परियोजना का शिलान्यास समारोह 2 मार्च 2018 को रतन टाटा द्वारा किया गया था और अपग्रेडेड अस्पताल का उद्घाटन उन्हीं के द्वारा 13 मार्च 2019 को किया गया था. एमटीएमएच व्यापक कैंसर देखभाल सुविधा प्रदान करता है, जिसमें मेडिकल और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, टीएमएच के सहयोग से सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, पैलिएटिव केयर और एडवांस्ड डिग्नॉस्टिक फैसिलिटीज (सीटी, एमआरआई, पीईटी-सीटी) शामिल हैं. इसकी एक एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला है. इमेज गाइडेड बायोप्सी जमशेदपुर में कहीं और नहीं की जाती है, जो यहाँ नियमित रूप से की जाती हैं. बुनियादी संरचना में एक डे केयर कीमोथेरेपी वार्ड, प्रीतपाल पैलिएटिव केअर सेन्टर (सूरी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित) और अच्छी तरह से सुसज्जित सामान्य वार्ड और केबिन शामिल हैं.
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