
उदित वाणी, जमशेदपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जुगसलाई परिसर में शुक्रवार को टाटानगर रेल सिविल डिफेंस टीम के तत्वावधान में फायर आपदा और आपात स्थिति में फंसे लोगों के बचाव की विधियों पर आधारित एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य चिकित्सा स्टाफ और कर्मचारियों को अग्निकांड जैसी आकस्मिक स्थितियों से निपटने हेतु सक्षम बनाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत इंडियन एयरलाइंस दुर्घटना में मारे गए यात्रियों एवं चिकित्सकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट के मौन के साथ की गई। इसके बाद सिविल डिफेंस टीम द्वारा प्रशिक्षण सत्र की विधिवत शुरुआत की गई।
आग लगने पर मचती है भगदड़, प्रशिक्षण से रोका जा सकता है नुकसान: संतोष कुमार
सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “कहीं भी आग लगने पर लोगों में भय और भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान होता है। यदि समय रहते प्रशिक्षण दिया जाए, तो इस नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है।” उन्होंने ‘स्टॉप-ड्रॉप-रोल’ तकनीक और धुएं से बेहोश हुए व्यक्ति को सुरक्षित निकालने की विधि का जीवंत प्रदर्शन कर लोगों को प्रशिक्षित किया।
फायर संयंत्र के उपयोग की दी गई व्यावहारिक जानकारी
स्वास्थ्य केंद्र में लगाए गए ड्राई केमिकल पाउडर फायर एक्सटिंग्विशर की कार्यप्रणाली, सावधानियाँ एवं उपयोग की व्यावहारिक जानकारी दी गई। सिविल डिफेंस डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह ने एलपीजी गैस रिसाव के कारण उत्पन्न आग को नियंत्रित करने की विभिन्न विधियों का प्रशिक्षण दिया। वहीं, फायर संयंत्र के संचालन की तकनीक को डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने प्रदर्शित किया।
चिकित्सा स्टाफ, सफाई कर्मियों और वालंटियर्स ने लिया प्रशिक्षण में भाग
प्रशिक्षण शिविर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी मेडिकल ऑफिसर डॉ. एम.ए. अंसारी, मेडिकल ऑफिसर डॉ. शाजिया कैशर, डॉ. जूली कुमारी, अकाउंट मैनेजर राखी कुमारी, कैंटीन प्रमुख पिंकी कुमारी, नर्स, कंपाउंडर, सफाईकर्मी, सिविल डिफेंस वॉलंटियर रितेश कुमार गुहा और पी. हरी बाबू सहित अन्य कर्मियों ने भाग लिया।
डॉ. एम.ए. अंसारी ने बताया कि “स्वास्थ्य केंद्र जैसे संस्थानों में अग्निसुरक्षा का प्रशिक्षण नितांत आवश्यक है। इस प्रकार के मॉक ड्रिल से न केवल स्टाफ की जागरूकता बढ़ती है बल्कि आपात स्थिति में सही निर्णय लेने का आत्मविश्वास भी आता है।”
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के संकल्प के साथ किया गया।
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।