उदित वाणी, जमशेदपुर: भारत के चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. इस संदर्भ में, जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम, अनन्य मित्तल ने 17 मार्च 2025 (सोमवार) को अपराह्न 03:00 बजे समाहरणालय सभागार में बैठक का आयोजन किया है. इस बैठक में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित होंगे.
चुनाव आयोग का उद्देश्य और बैठक के महत्व पर प्रकाश
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को पत्र भेजकर उनसे 30 अप्रैल, 2025 तक किसी भी अनसुलझे मुद्दों पर सुझाव देने का आग्रह किया है. इसके अलावा, आयोग ने यह भी प्रस्तावित किया कि पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के साथ चुनावी प्रक्रियाओं को और सुदृढ़ करने के लिए बातचीत की जाए. यह कदम चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित कानूनी ढांचे के भीतर चुनावी सुधारों को लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
चुनाव आयोग की दिशा-निर्देश और आगामी कार्य
पिछले सप्ताह आयोजित ईसीआई सम्मेलन में, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ, डीईओ और ईआरओएस को निर्देश दिया कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करें. इन बैठकों में प्राप्त सुझावों को कानूनी ढांचे के भीतर हल करें और 31 मार्च, 2025 तक आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें. चुनाव आयोग ने यह भी आग्रह किया कि राजनीतिक दल विकेंद्रीकृत जुड़ाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करें.
कानूनी ढांचा और आयोग की दिशा-निर्देश
चुनाव आयोग के द्वारा राजनीतिक दलों को भेजे गए पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत का चुनावी ढांचा कई महत्वपूर्ण कानूनों, जैसे कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961, और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों पर आधारित है. इन सभी कानूनों के माध्यम से आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत और विकेंद्रीकृत कानूनी ढांचा तैयार किया है.
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