उदित वाणी, जमशेदपुर: समाहरणालय सभागार में उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में जिला सहकारिता विकास समिति एवं संयुक्त कार्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में “सहकार से समृद्धि” के सिद्धांत को जिले में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए कार्य योजना पर विचार-विमर्श किया गया.
लैंपस कम्प्यूटराइजेशन और उर्वरक लाइसेंस
बैठक में लैंपस कम्प्यूटराइजेशन की समीक्षा भी की गई. इस परियोजना के पहले चरण में 52 लैंपसों का चयन किया गया है. इनमें से 45 लैंपस को सीएससी आईडी मिल चुकी है, जबकि शेष 7 लैंपस को 15 दिनों में सीएससी आईडी प्रदान करने का निर्देश दिया गया. उर्वरक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 45 लैंपस को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 24 लैंपसों को लाइसेंस मिल चुका है. जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने इन लैंपसों को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए, और अन्य को भी लाइसेंस दिलवाने के लिए कदम उठाने की बात कही.
सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण रोजगार के अवसर
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सहकारिता समितियों के माध्यम से मछलीपालन और पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे स्थानीय समुदाय को लाभ मिलेगा. जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि सहकारी संरचनाओं को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने के लिए समयबद्ध कार्य योजनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे लोगों को स्थिर रोजगार मिल सके.
सहकारी समितियों का बहुउद्देश्यीय विकास
सहकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जिला सहकारिता विकास समिति एवं संयुक्त कार्य समिति का गठन किया गया है. इस समिति का उद्देश्य सभी लैंपस को बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के रूप में विकसित करना है, ताकि इनका लाभ सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित न हो, बल्कि पूरी समुदाय को मिले. इसके अलावा, मत्स्य विभाग को फिशरिज कॉपरेटिव के लिए प्रस्ताव बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
नई समितियों का गठन और निर्माण कार्य
बैठक में यह भी तय किया गया कि इस वर्ष के अंत तक 20 नए दुग्ध उत्पादक समितियों और 24 मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का गठन किया जाएगा.
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