जमशेदपुर : हर दिन लगनेवाले सडक़ जाम से त्राहि-त्राहि कर रहे मानगो के लाखों लोगों के लिए उनकी इस गंभीर समस्या के समाधान की पहल तेज होती जा रही है. जमशेदपुर पश्चिमी के नवनिर्वाचित विधायक सरयू राय जाम के झाम को खत्म कराने की बीड़ा उठा ही चुके हैं. अब समाजसेवी व मानवाधिकार के लिए कार्य करने वाले मनोज मिश्रा भी अपने संगठन के साथ इस मामले में कूद गए हैं. उन्होंने मानगो में सडक़ जाम को मानवाधिकार व लोगों के जीवन से जोड़ते हुए आंदोलन की राह पकडऩे की घोषणा की है.
झारखण्ड मानवाधिकार संगठन के प्रमुख मनोज मिश्रा ने मानगो संकोशाई मे संगठन की एक बैठक में कहा कि मानगोवासी हर दिन जूझ रहे हैं जाम से. यह मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला बनता है, क्योंकि जाम के कारण लोगों का ना सिर्फ समय नष्ट हो रहा है, बल्कि उनकी जिंदगी भी खतरे मे पड़ रही है. उन्होंने कहा कि हर दिन मानगो मे लग रहे भीषण जाम से ना सिर्फ आम मानगो वासी पीडि़त हैं अपितु एम्बुलेंस से त्वरित ईलाज को जिंदगी और मौत से संघर्ष करते जाते हुए गंभीर मरीज एवं मासूम स्कूली बच्चे भी पीडि़त हैं. क्षेत्र के बुजुर्ग एवं महिलाएं भी हरदिन के जाम से नाहक परेशानी में हंै. शहर की विभिन्न कंपनियों एवं कार्यालयों में कार्यरत कर्मी भी समय से ड्यूटी नहीं पहुँच पा रहे हैं. यह बेहद ही गंभीर मसला है. मिश्रा ने कहा कि जिला प्रशासन को मानगो जाम से निपटने के लिए सिर्फ मानगो के लिए अलग ट्रैफिक पुलिसिंग की व्यवस्था करनी होंगी. बड़े वाहनों को मानगो प्रवेश पर पाबन्दी लगानी होगी. साथ ही नो इंट्री के समय को मध्य रात्रि के लिए तय करना होगा.
उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने जाम के झाम को खत्म कराने के लिए त्वरित कदम नहीं उठाए तो मानगो वासियो के लिए मानवाधिकार संगठन आंदोलनात्मक कार्रवाई को बाध्य हो जायेगा. बैठक में 10 दिसंबर को अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया. कार्यक्रम में मनोज मिश्रा के साथ सलावत महतो, रेणु सिंह, निभा शुक्ला, अनीमा दास, किशोर वर्मा, अभिजीत चंदा, गुरूमुख सिंह, मानव रॉय चौधरी, रीना देवी, अंजू देवी, सोमवारी सहित काफीसंख्या मे सदस्य मौजूद थे.
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