उदित वाणी, रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कारा विभाग की अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की तथा उन्होंने राज्य की जेलों में बंद सजायाफ्ता व विचाराधीन कैदियों से जुड़ी विस्तृत जानकारी ली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जेलों को औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया और कहा कि राज्य की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी बंद हैं.
इनमें 3 साल से कम सजा वाले मामलों के कैदियों की संख्या सबसे ज्यादा है. इन कैदियों के मामलों की सुनवाई अदालतों में जल्द से जल्द कैसे पूरी हो. इस दिशा में ठोस कदम उठायें. उन्होंने कहा कि विशेषकर 3 वर्ष से कम सजा पानेवाले कैदियों को अधिवक्ता के माध्यम से निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करायें. वहीं अधिकारियों द्वारा बताया गया कि झालसा डालसा के माध्यम से विचाराधीन कैदियों के मामलों को निष्पादित करने की लगातार पहल की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जेलों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के साथ अल्पसंख्यक कैदियो की संख्या ज्यादा है. इन कैदियों से जुड़े मामलों की विशेष तौर पर तहकीकात की जानी चाहिए और अदालतों से इनके मामलों के निष्पादन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए. ज्ञात हो कि राज्य में कुल 31 में सात सेंट्रल व 16 जिला जेल तथा सात उपकारा है. राज्य के सभी जेलों की कुल क्षमता 17 421 है. जबकि इन जेलों में 19 619 कैदी बंद है. जिनमें 14445 विचाराधीन कैदी व सजायाफ्ता कैदियों की संख्या 5200 से ज्यादा है.
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