उदित वाणी जमशेदपुर : लोयोला स्कूल जमशेदपुर की उपलब्धियों की किताब में हर साल नए अध्याय जुड़ते जा रहे हैं। इस स्कूल में नया व स्वर्णिम अध्याय जुड़ा है लोयोला स्कूल टेल्को का। इस स्कूल को लोयोला स्कूल बिष्टूपुर द्वारा ही 2022-23 से संचालित किया जा रहा है। चूंकि पूरे शहर में लोयोला स्कूल बिष्टूपुर को लेकर ऐसी साख है कि हर अभिभावक इसी स्कूल में अपने बच्चों को दाखिला दिलाना चाहता है। ऐसे में अब शहर में दो-दो लोयोला स्कूल शहर के अलग-अलग दो कोने में स्थापित होने से अभिभावकों को काफी सहूलियत मिलने लगी है। अब लोयोला स्कूल बिष्टूपुर अकेले पर विद्यार्थियों के बाढ़ को दाखिला देने का दबाव नहीं है और कम से कम टेल्को स्कूल के साथ छात्रों की संख्या का यह दबाव बंट गया है।
लोयोला स्कूल बिष्टूपुर अत्याधुनिक सुविधाओं व सर्वोच्च शैक्षणिक माहौल मुहैया कराने वाला स्कूल है, जिसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बिल्कुल वैसी ही है, जैसे लोयोला स्कूल बिष्टूपुर की। लोयोला स्कूल टेल्को के प्रशासन की जिम्मेदारी फादर जेरी के कंधों पर है और वे इसे बखूबी निभा रहे हैं। फादर जेरी के मुताबिक जमशेदपुर को श्रेष्ठ स्कूली शिक्षा व बेहतर शैक्षणिक माहौल के लिए हमेशा से जाना जाता है। इसके पीछे दशकों से अपनी महती भूमिका निभा रहे लोयोला स्कूल बिष्टूपुर का अहम योगदान है। अपने योगदान को विस्तृत रूप देते हुए लोयोला स्कूल बिष्टूपुर ने लोयोला स्कूल टेल्को का संचालन अपने जिम्मे में लिया है।
स्कूली शिक्षा को स्तरीय बनाने की जो प्रथा लोयोला स्कूल बिष्टूपुर में दशकों से चल रही है, वहीं सिलसिला अब लोयोला स्कूल टेल्को में शुरू हो चुका है। जमशेदपुर के दूसरे छोर पर स्थित लोयोला स्कूल टेल्को के उपलब्ध होने से अब टेल्को व उसके आसपास के विद्यार्थियों व अभिभावकों को खासी सहूलियत हो रही है। इस स्कूल में उर्जावान शिक्षिकाएं पूरी ऊर्जा से बच्चों को स्तरीय शिक्षा प्रदान कर रही हैं तो वहीं स्कूल की प्राचार्या चरणजीत ओसान का भी योगदान उल्लेखनीय है। प्राचार्या के तौर पर न सिर्फ वह स्कूल में पारंपरिक अनुशासन की कस्टोडियन हैं बल्कि लोयोला की परंपरा को आगे बढ़ाने में भी उनका अहम योगदान है। लोयोला स्कूल टेल्को के छात्रों ने हाल के दिनों में अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया है और यह सिलसिला अब लगातार जारी है। लोयोला टेल्को के विद्यार्थियों ने बहुत कम समय में इंटर स्कूल व इंटर जोनल प्रतियोगिताओं में अपनी श्रेष्ठता साबित कर इशारा कर दिया है कि लोयोला स्कूल बिष्टूपुर की उपलब्धियों की शृंखला में लोयोला स्कूल टेल्को का जो स्वर्णिम अध्याय जुड़ा है वह बहुत जल्द सोने सा चमकने के लिए बेताब है।
काबुली वाला रिटन्र्स होगा सबसे बड़ा आकर्षण
उत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण होगा ‘द काबुुलीवाला रिटन्र्स’. काबुुलीवाला की कहानी तो सबको पता है. इस पर एक फिल्म भी बन चुकी है जिसके गाने बहुुत लोकप्रिय हुए थे. लेकिन रवीन्द्रनाथ टैगोर की मूल कथा काबुलीवाले को उसके अपने वतन अफगानिस्तान वापस भेजने के बाद खत्म हो जाती है और वो नन्हीं गुडिय़ा अपने काबुलीवाले दोस्त का इंतजार करती रह जाती है.लोयोला के शिक्षकों और छात्रों ने काबुलीवाले की आगे की कहानी गढ़ी है.महीनों से इसे बड़े फलक पर मंचन की तैयारी में जुुटे करीब 500 छात्र-छात्राएं 16 दिसंबर को जब इसे फैजी ऑडिटोरियम में ऑपेरा शैली में पेश करेंगे तो दर्शक वाह वाह कर उठेंगे.
इसके 5 शो आयोजित किए जाएंगे. तीन सुबह व दो शाम को. नाटिका का प्रदर्शन कई भाषाओं में होगा. इसमें अफगान, हिंदी, पंजाबी, गुजराती, बंगाली, मलयालम, इंग्लिश शामिल है.इस नाटिका के माध्यम से लोयोला स्कूल के छात्र भारत की विविधता को प्रदर्शित करने की कोशिश करेंगे.
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