– फादर विनोद विन्सेंट फर्नांडीज
उदित वाणी जमशेदपुर : 75 साल के अपने गौरवशाली सफर में लोयोला स्कूूल जेसुइट्स सिद्धांतों और शैक्षिक चरित्र का कार्यान्वयन करते हुए शहर के बच्चों की शिक्षा में अहम योगदान कर रहा है. प्लैटिनम जुबिली सेलेब्रेशन वो वक्त है जब हम अतीत के गौरवपूर्ण पलों का स्मरण कर सकते हैं,लेकिन साथ में हमें बदलती दुुनिया की गंभीर चुनौतियों के बरक्स भविष्य के लिए बड़े विजन के साथ आकांक्षाओं को हासिल करने की ओर देखना होगा. लोयोला छात्रों के मानवीय चरित्र निर्माण जारी रखेगा जो आगे चलकर संवेदनशील पुरूष और महिला बनेंगे और पीडि़त मानवता की सुुधि लेंगे. स्कूूल तकनीक और सूचना तकनीक के प्रवाह के सदुपयोग कर छात्रों से उनका सर्वश्रेष्ठ हासिल करने की कवायद जारी रखेगा.
जाने माने शिक्षाविद टोनी वेंगर द्वारा प्रस्तावित इक्कीसवीं सदी के स्किल छात्रों में समाहित करेगो जो इस प्रकार हैं :
1. आलोचनात्मक सोच और समस्या का समाधान
2. नेटवक्र्स से सहयोजन और प्रभावी नेतृत्व
3. चुस्ती-फुर्ती और ग्रहण करने की काबिलियत
4. पहल और उद्यमिता
5. प्रभावी मौखिक और लिखित संप्रेषण
6. सूचना हासिल करना और विश्लेषण करना
7. उत्सुुकता और कल्पनाशीलता
लोयोला स्कूूल जेसुइट स्कूूलों के 10 वैश्विक सूत्रों को लागूू करने का प्रयास करेगा जो ‘जेसुुइट स्कूूल : ए लीविंग ट्रेडिशन इन द ट्वेंटी फस्र्ट सेंचुरी-एन ऑनगोइंग एक्सरसाइज ऑफ डिस्र्नमेंट (आईसीएजेई, 2019)’ नामक डॉक्यूमेंट में है और इसके मुताबिक जेसुइट स्कूल हैं :
1. कैथोलिक, दूसरे धर्मों के साथ संवाद और वैश्विक दृष्टि के विकास के लिए गहन विश्वास विकसित करना
2. स्कूल में सबके लिए सुुरक्षित और स्वस्थ वातावरण के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध
3. वैश्विक नागरिकता के लिए प्रतिबद्ध
4. सभी जीवों की चिंता के लिए प्रतिबद्ध
5. न्याय के लिए प्रतिबद्ध
6. हरेक के लिए आसान पहुंच को प्रतिबद्ध
7. अंतर संस्कृति के लिए समर्पित
8. मिशन की सेवा के लिए ग्लोबल नेटवर्क बनने को प्रतिबद्ध
9. मानवीय उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध
10.आजीवन सीखने के लिए प्रतिबद्ध
हम मानवीय पीड़ा और जलवायु परिवर्तन जैसे आम लोगों को प्रभावित करने वाली चिंताओं से निपटने के लिए छात्रों में कौशल का विकास करने हेतुु जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ शिक्षकों को तैयार करने के लिए हर कदम उठाएंगे. तभी ऐसा समाज बन पाएगा जहां लोग प्यार से और शांति और सौहाद्र के साथ रहना सीख सकें. जय लोयोला.
(लेखक लोयोला स्कूल, जमशेदपुर के वाइस प्रिसिपल है.)
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