उदित वाणी, जमशेदपुर: वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को स्वास्थ्य में गिरावट के बाद दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आडवाणी को रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल लाया गया और फिलहाल वह डॉक्टर्स की निगरानी में हैं. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. इससे पहले इस साल अगस्त में भी उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था.
अगस्त और जुलाई में भी अस्पताल में भर्ती हुए थे आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी को जुलाई में दिल्ली के एम्स अस्पताल में भी भर्ती किया गया था, जहां उनकी देखरेख डॉ. अमलेश सेठ की टीम द्वारा की गई थी. उस वक्त उन्हें यूरोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया था.
भारत रत्न से सम्मानित आडवाणी की लंबी राजनीतिक यात्रा
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था. उन्होंने हाल ही में अपना 98वां जन्मदिन मनाया. आडवाणी का राजनीतिक सफर असाधारण रहा है. वह 2002 से 2004 तक भारत के उप प्रधानमंत्री और 1999 से 2004 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे. इस साल मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरुआत
आडवाणी ने 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ने का निर्णय लिया था. विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया और 1951 में वह भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए. 1970 में राज्यसभा में उनकी एंट्री हुई और दो साल बाद उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. आपातकाल के दौरान, आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार किया गया.
बीजेपी के निर्माण में अहम भूमिका
आडवाणी ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1984 के आम चुनाव में बीजेपी केवल दो सीटों तक सिमटी हुई थी, लेकिन आडवाणी के नेतृत्व में 1990 के दशक में पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की वकालत करते हुए उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे बीजेपी की राजनीतिक ताकत में महत्वपूर्ण इजाफा हुआ.
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