टाटा जूलॉजिकल पार्क के प्रबंधन को डीएफओ की चेतावनी सुधर जाए जू प्रबंधन नही तो जू को करना होगा बंद।
उदित वाणी जमशेदपुर : शहर के मशहूर टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में बीते 21 अगस्त को तेंदुआ मिथुन की मौत के मामले में वन संरक्षक ने अपनी जांच रिपोर्ट डीएफओ को सौंप दी है.
जांच में टाटा स्टील जू प्रबंधन की लापरवाही से मौत होने की बात सामने आई है. जानकारी देते हुए डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में टीम की ओर से पाया गया है कि जू में आपदा प्रबंधन को लेकर कोई उपाय नहीं किया गया है इसके अलावा फ्लड एक्शन प्लान में भी खामियां पाई गई है. जू में जहां तेंदुआ की मौत हुई है वहां फर्स्ट फ्लोर बनाया जाना था पर वह नहीं बनाया गया था वहीं उपर की ओर लकड़ी का प्लोर बनाया जाना था वह भी नहीं देखने को मिला.
जू के एक कर्मी ने बताया कि जिस तेंदुआ की मौत हुई है वह लंगड़ा रहा था इसके अलावा वह बुढ़ा भी हो गया था जिस कारण वह बाढ़ का पानी भरने से उंचाई पर नहीं जा सका. इससे जू प्रबंधन की लापरवाही साफ झलकती है. इसके अलावा जू प्रबंधन ने आनन फानन में तेंदुआ का पोस्टमार्टम कर दिया जबकि पोस्टमार्टम करने के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी को सूचना देकर अनुमति लेना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकला है कि जू में जानवारो को उपरी जगह पर ले जाने की जरुरत है, जू के अस्पताल में एक पैथोलॉजी लैब की जरुरत है.
ओपीडी, ओटी, सर्जिकल टेबल को अपग्रेड करने की जरुरत है. इमरजेंसी में वेटनरी मेडिसिन की जरुरत है. इसके अलावा जू में सभी जानवरों के बाड़े में सीसीटीवी कैमरा भी लगाने की जरुरत है.
तड़पकर हुई तेंदुआ की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि तेंदुआ की मौत हार्ट अटैक से हुई है. संभवता वह पानी में खुद को बचाने का प्रयास कर रहा होगा जिस कारण खुद को इस स्थिति में देखकर उसे हार्ट अटैक आया होगा. हालांकि पोस्टमार्टम में यह बात भी सामने आई है कि उसके फेफड़े में पानी जम गया था.
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