उदित वाणी, जमशेदपुर: करीम सिटी कॉलेज के इतिहास विभाग में वेद व्याख्यान आयोजित हुआ. जिसमें 2600 साल पहले हुए उस सामाजिक सांस्कृतिक जागरण को विषय बनाया गया, जिसने दुनिया को बदल दिया था. मुख्य वक्ता रुचि प्रीतम थीं, जो विरासत स्थलों और इतिहास पर लेखिका हैं. स्वागत भाषण कार्यवाहक प्राचार्य डॉ बी एन त्रिपाठी ने किया. वक्ता रुचि प्रीतम ने सामाजिक-सांस्कृतिक जागृति के बारे में बात की जिसने दुनिया भर में भारतीय संस्कृति का प्रसार किया और दक्षिण पूर्व एशिया में इसकी स्वीकार्यता के बारे में बताया. उन्होंने इतिहास के अध्ययन में प्राथमिक स्रोतों के महत्व के बारे में बताया.
भारत की सांस्कृतिक विरासत की आत्मा धर्मों, परंपराओं, रीति-रिवाजों और विश्वासों का एक सर्वव्यापी संगम है. व्याख्यान में वैदिक युग, बौद्ध धर्म और जैन धर्म और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को शामिल किया गया. चीन, कंबोडिया, म्यांमार, जापान, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में बौद्ध धर्म के प्रसार के बारे में बताया गया. व्याख्यान को वास्तुशिल्प स्मारकों द्वारा अच्छी तरह से पूरक किया गया था जिससे छात्रों की रुचि बढ़ गई थी जो कि उसके बाद के इंटरैक्टिव सत्र में स्पष्ट था. यह एक बहुत ही जानकारीपूर्ण सत्र था जिसने उनके ज्ञान में नए आयाम जोड़े और विषय के प्रति उनकी रुचि को बढ़ाया.
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