उदितवाणी, धालभूमगढ़: प्रखंड के जूनबनी गांव अंतर्गत मटियालडीह में आयोजित लांगड़े एनोज 2024 समारोह में आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन हुआ. इस आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में राज्य मंत्री रामदास सोरेन उपस्थित हुए. उन्होंने इस अवसर पर आदिवासियों की कला, संस्कृति, भाषा और आस्था को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह उत्सव आदिवासी समाज के लिए अपनी पहचान और परंपराओं को संजोने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.
पांच वर्षों में एक बार होता है यह उत्सव
यह आयोजन क्षेत्र के सात टोला के लोग मिलकर पांच वर्षों में एक बार मनाते हैं. इस दौरान पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल देखने को मिला. मंत्री रामदास सोरेन ने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से आदिवासियों की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और उनकी पहचान को बनाए रखने में मदद मिलती है.
सभी टोला के प्रधानों को किया गया सम्मानित
मुख्य अतिथि मंत्री ने सभी टोला के प्रधानों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस मौके पर 500 से अधिक महिलाएं नृत्य प्रस्तुत करने के लिए आई थीं, साथ ही 11 गांवों से परंपरागत बाजे के साथ लोग उत्सव में शामिल हुए.
नृत्य और बाजा प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कार
नृत्य प्रतियोगिता में पोटका के पारो हेंब्रम ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि बाजा दल की प्रतियोगिता में घाटशिला के पेटी गांव ने पहला पुरस्कार जीता. मंत्री रामदास सोरेन ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए और उन्हें भविष्य में इस प्रकार के आयोजन को जारी रखने के लिए प्रेरित किया.
कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर प्रखंड प्रमुख देवला हंसदा, घाटशिला प्रखंड प्रमुख सुशीला टुडू, विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत, मुखिया विक्रम टुडू, अर्जुन मराठी सहित अन्य कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे.
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