उदित वाणी, जमशेदपुर: केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष को तेज करने के उद्देश्य से आज, 16 मार्च को, परिसदन, बिस्टुपुर स्थित प्रेस सभागार में एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस प्रेस कान्फ्रेंस में झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन (एटक), झारखंड श्रमिक संघ और झारखंड वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस बैठक में यह सर्वसम्मति से तय किया गया कि मजदूरों के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए एक व्यापक आंदोलन की शुरुआत की जाएगी.
मजदूरों का महा सम्मेलन
यह आंदोलन और संघर्ष 1 मई, 2025 को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर एक महा सम्मेलन के रूप में आयोजित किया जाएगा. यह सम्मेलन आदिवासी एसोसिएशन हॉल, सीतारामडेरा, जमशेदपुर में होगा. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री माननीय रामदास सोरेन जी उपस्थित होंगे.
मुख्य मांगें
1. मजदूरों के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए झारखंड सरकार द्वारा श्रम आयोग का गठन किया जाए.
2. केंद्र सरकार सीमेंट वेज, स्टील वेज, ऑटोमोबाइल वेज, मझोले इंजीनियरिंग वेज समेत अन्य वेज बोर्ड के निर्माण को कार्यान्वित करे.
3. केंद्र सरकार चार श्रम कोड को मजदूरों के हित में निरस्त करे और 44 श्रम कानूनों को जारी रखे.
4. 5 दिसंबर 2024 को केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों में मजदूरों के लिए जो न्यूनतम मजदूरी लागू की गई है, उसे अविलंब कार्यान्वित किया जाए.
5. केंद्र सरकार झारखंड सरकार को बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए की कोयला रॉयल्टी, जो मजदूरों की गाढ़ी कमाई का हिस्सा है, अविलंब प्रदान करे.
प्रेस वार्ता में उपस्थित प्रमुख नेता
प्रेस वार्ता में झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन के अध्यक्ष कामरेड सपन कुमार घोषाल, महासचिव कामरेड रमेश मुखी, सुनीता मूर्मू, करन हेंब्रम, नरसिंह राव, उमेश मुखी, मोतीलाल जातराम, झारखंड श्रमिक संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र मैथि और झारखंड वर्कर्स यूनियन के कामरेड ओमप्रकाश प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
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