- विवि के 1.6 सीजीपीए अंक मिले थे पिछले नैक निरीक्षण में, इस बार 23 से होगा निरीक्षण
उदित वाणी, जमशेदपुर:झारखंड में अबतक जिन विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग की गई है, उनमें कोल्हान विश्वविद्यालय सबसे निचले पायदान पर है। कोल्हान विवि को सी ग्रेड मिला है और 1.6 सीजीपीए प्राप्त हुए हैं। जबकि रांची विश्वविद्यालय रांची को सबसे बेहतर ग्रेड नैक से मिले हैं। इसे बी प्लस-प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ है।
इसके अलावा विनोबा भावे यूनिवर्सिटी हजारीबाग को भी बी ग्रेड मिला है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय को नैक में 2.77 सीजीपीए अंक प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा बाकी के विवि, मसलन नीलांबर पितांबर विवि, श्याम प्रसाद मुखर्जी विवि की नैक ग्रेडिंग नहीं कराई गई है। इस बार भी अगर विश्वविद्यालय को सात अलग-अलग बिंदुओं पर कम से कम 2.01 सीजीपीए अंक नहीं मिलते हैं तो विश्वविद्यालय को फिर से सी ग्रेड से ही संतुष्ट रहना पड़ेगा। नैक की नियमावली के मुताबिक 1.51 से 2.00 सीजीपीए अंक पर सी ग्रेड प्राप्त होता है। जबकि 2.01 से 2.50 सीजीपीए पर बी और 2.51 से 2.75 सीजीपीए पर बी प्लस ग्रेड प्राप्त होता है।
2.76 से 3.00 सीजीपीए पर बी प्लस-प्लस ग्रेड मिलता है तो 3.01 से 3.25 सीजीपीए पर ए ग्रेड मिलता है। इसके अलावा 3.26 से 3.50 पर ए प्लस एवं 3.51 से 4-00 सीजीपीए पर ए प्लस-प्लस ग्रेड दिया जाता है। सो, कोल्हान विश्वविद्यालय सात बिंदुओं पर अपनी तैयारी पुख्ता कर रहा है।
नैक की ग्रेडिंग में कोल्हान विश्वविद्यालय को पिछली बार महज 1.6 सीजीपीए अंक प्राप्त हुए थे। मतलब यह कि नैक की मान्यता प्राप्त करने के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक 1.5 सीजीपीए से महज 0.1 अंक अधिक। इससे कम अंक मिलते तो विवि की नैक की मान्यता ही नहीं मिल पाती। इस बार विवि में नैक के सेकेंड साइकिल की ग्रेडिंग होनी है। इसके लिए कोल्हान विश्वविद्यालय ने प्यास लगने पर कुआं खोदने की तर्ज पर नैक की ग्रेडिंग में अंक जुटाने को जुगाड़ भिड़ाना शुरू कर दिया है। इसके लिए आनन-फानन में पैरेंट-टीचर मीटिंग कराई जा रही है तो वहीं, छात्रों से फीडबैक फॉर्म भराए जा रहे हैं। कोल्हान विश्वविद्यालय में 23 जनवरी से नैक की टीम निरीक्षण करने वाली है। 25 जनवरी तक यह निरीक्षण कार्य किया जाएगा।
इस बार भी शिक्षकों की कमी बनेगी ग्रेडिंग खराब करने की वजह
कोल्हान विश्वविद्यालय को इस बार 23 जनवरी से होने वाली नैक ग्रेडिंग में बहुत अच्छे अंक नहीं मिलने जा रहे। ऐसा इसलिए, क्योंकि संस्थान में शिक्षकों के स्वीकृत पद 137 हैं, उनमें सिर्फ 35 शिक्षक ही उपलब्ध हैं। वह भी बैकलॉग से पिछले दिनों हुई नियुक्तियों के बाद। इसका मतलब यह कि विवि में 102 शिक्षकों की कमी के साथ ही पठन-पाठन का कामकाज चलाया जा रहा है। विवि को बेहतर रैंकिंग मिलने में इससे दिक्कत होगी। यही नहीं, कोल्हान विश्वविद्यालय में शिक्षक छात्र अनुपात भी ठीक नहीं है। वर्तमान में शिक्षक छात्र अनुपात 1:50 से अधिक है। इसी के साथ कोल्हान विश्वविद्यालय में शोध की स्थिति भी ठीक नहीं है।
पिछले आठ साल से पीएचडी में नामांकन नहीं हो पाए हैं। इस कारण नए शोध नहीं हो पाए हैं। अब जाकर पीएचडी की प्रवेश परीक्षा कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित की गई है। वहीं, छात्रसंघ चुनाव भी अब 23 जनवरी तक कराया जाना मुमकिन नहीं लग रहा। ऐसे में इसके लिए भी कोल्हान विश्वविद्यालय को कम सीजीपीए मिलेंगे, जिससे नैक की ग्रेडिंग घटेगी। उधर, विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. पीके पाणी कहते हैं कि फिलहाल विश्वविद्यालय की ओर से सारी तैयारियां की गई हैं। कोशिश बेहतर ग्रेडिंग की है। इसके लिए कोल्हान विवि में सबको तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बेहतर ग्रेडिंग की उम्मीद की है। इससे कोल्हान विवि को यूजीसी से मिलने वाली सुविधाएं बढ़ जाएंगी। बताते चलें कि कोल्हान विश्वविद्यालय की नैक की वैलिडिटी 2021 में ही समाप्त हो चुकी है।
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