उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड सरकार के प्रस्तुत बजट को गंधहीन, रंगहीन और दिशाहीन करार दिया है. उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देना होना चाहिए, न कि केवल लेखा-जोखा प्रस्तुत करना. दास ने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन सरकार अब दिन में सपने देख रही है और ‘अबुआ’ बजट में ‘अबुआ’ को ही किनारे कर दिया गया है. उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि सरकार ने राज्य को 2030 तक 10 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने का दावा किया है, लेकिन इसके लिए कोई ठोस योजना नहीं दी गई है.
किसानों और ग्रामीणों की अनदेखी
रघुवर दास ने सरकार के बजट में किसानों और ग्रामीणों की अनदेखी को प्रमुख आलोचना का विषय बनाया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की ऋण माफी पर चुप है और ग्रामीण विकास के बजट में कमी की गई है. साथ ही, महिलाओं को 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने के वादे पर भी सरकार अब तक खामोश है.
पूर्णिमा साहू का बजट पर हमला
झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा की भाजपा विधायक पूर्णिमा साहू ने भी झारखंड सरकार के बजट को निराशाजनक और दिशाहीन करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल कागजी आंकड़ों पर ध्यान दिया है, जबकि वास्तविक धरातल पर कोई बदलाव नहीं देखा जाएगा. साहू ने कहा कि सरकार के वादे जैसे 2500 रुपये की पेंशन, महिलाओं के लिए सस्ते गैस सिलेंडर, युवाओं के लिए रोजगार और किसानों के लिए शून्य ब्याज ऋण जैसी योजनाएं पूरी तरह से खोखली साबित हुई हैं.
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भाजपा ने बजट को धोखा करार दिया
भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने भी बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन इस बजट में युवाओं के लिए कोई योजना नहीं दिखी. ओझा ने इसे ‘अबुआ बजट’ की जगह ‘बबुआ बजट’ करार दिया और कहा कि हेमंत सरकार की चुनावी घोषणाएं महज झूठी उम्मीदें थीं.
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प्रेम झा की प्रतिक्रिया
भाजपा जमशेदपुर महानगर के जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा ने भी इस बजट को धोखा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के लिए 10 लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन इस बजट में युवाओं के भविष्य के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. झा ने यह भी कहा कि ग्रीन राशन कार्डधारियों को 7 किलो चावल और 2 किलो दाल देने का वादा भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
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