उदित वाणी, रांची: राज्य सरकार द्वारा नए झारखंड हाईकोर्ट भवन व विधानसभा भवन के निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितताओं की जांच के लिए अब न्यायिक आयोग गठित किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को इसकी मंजूरी दे दी है. वहीं मुख्यमंत्री ने पिछले 2 जुलाई को दोनों भवनों के निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की जांच एसीबी से कराने के निर्देश दिए थे. ज्ञात हो कि दोनों भवनों का निर्माण पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कराया गया है और दोनों भवनों के निर्माण कार्य में अनियमितताओं को लेकर बराबर सवाल उठाया जाता रहा है. हाईकोर्ट भवन के निर्माण में अनियमितता को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है. जिसमें ठेकेदार व अधिकारियों द्वारा मिलीभगत करके गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. गौरतलब है कि 465 करोड़ रूपये के लागत से विधानसभा के नए भवन का निर्माण कराया गया है और 12 सितम्बर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस भवन का उद्घाटन कराया गया है. बताया गया है कि विधानसभा के नये भवन के निर्माण में इंजीनियरों ने ठीकेदार रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को लाभ पहुंचाया था. विधानसभा के इंटीरियर वर्क के हिसाब-किताब में गड़बड़ी बता कर भवन निर्माण के इंजीनियरों ने पहले 465 करोड़ के मूल प्राक्कलन को घटा कर 420.19 करोड़ किया गया था. फिर 12 दिनों के बाद ही बिल ऑफ क्वांटिटी यबीओक्यूद्ध में निर्माण लागत 420.19 करोड़ से घटा कर 323.03 करोड़ कर दिया गया और टेंडर निपटारे के बाद 10 प्रतिशत कम यानी 290.72 करोड़ रुपये की लागत पर रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को कार्यादेश दिया गया. लेकिन फिर ठेकेदार के कहने पर वास्तु दोष हवाला देकर साइट प्लान का ड्राइंग बदला गया और राशि में वृध्दि की गई. इसी तरह हाईकोर्ट भवन के निर्माण में अबतक 697 करोड़ रूपये की भारी-भरकम राशि खर्च की गई. लेकिन भवन में अबतक कई कार्य पूरा नहीं हो पाया है. जबकि हाईकोर्ट भवन के निर्माण के लिए प्रारम्भ में 265 करोड़ रूपये की ही स्वीकृति दी गई थी.
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