उदित वाणी रांची: आदिवासियों की विश्वास जीतने के लिए मोराहाबादी मैदान में आयोजित धरती आबा बिरसा मुंडा विश्वास रैली को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने जमकर आदिवासी गौरवगाथा का बखान किया. वहीं नड्डा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी का पर्याय बताया. आदिवासी समुदाय के लोगों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी भाई बोलता कम है. देश प्रेम व सामाजिक जागृति के लिए यह समाज हमेशा काम करता रहा है. नडडा ने कहा कि आदिवासी भाई छाती ठोंक कर लोगों को यह बताये कि जब आजादी का आंदोलन शुरू नहीं हुआ था. उस समय उलगुलान सबसे पहले आदिवासी भाईयों ने शुरू की थी. 17वीं शताब्दी से लेकर 19वीं शताब्दी तक आदिवासी वीरों ने उलगुलान किया. 1780 में तिलका मांझी दामीन विद्रोह शुरू हुआ था. उसी तरह सिदो कान्हू ने 1855 में संताल विद्रोह, वीर बुद्धू भगत ने 1828 से लेकर 1832 तक लरका आंदोलन शुरू किया था. जबकि 1889 में कांग्रेस स्थापित हुआ. उससे पहले आदिवासी भाईयों ने अ्रग्रेजों के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी थी. 1914 से 1920 तक जतरा भगत व टाना भगत का आंदोलन चला. भाजपा इन आदिवासियों भाईयों को कभी नहीं भुला सकती है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की चिंता, आदिवासियों को सही स्थान देकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम सिर्फ भाजपा ने किया है. उन्होंने कहा कि कड़िया मुंडा हमारे जनसंघ के प्रथम श्रेणी के नेता रहे हैं. कड़िया मुंडा ने भाजपा व जनसंघ से लोगों को जोड़ा तथा पद्मश्री से अलंकृत होकर एक नया अलख जगा रहे हैं.
हेमंत सोरेन को बताया भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी का पर्याय
वहीं उन्होंने आदिवासी के नाम पर राजनीति करनेवालों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की बात करनेवालों ने अपने घर भरे. नडडा ने कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार गरीबों को लूट रही है. जमीन व माइंस हथिया रहे हैं. हर जगह कमीशन कमा रहे हैं. भ्रष्टाचारी व हेमंत सोरेन एक दूसरे के पर्याय बन गये हैं. खुद ही माइंस मिनिस्टर रहते हुए माइंस ले लिया. श्रीमती, भतीजों, भाईयों, रिश्तेदारों के नाम जमीन लिया. उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को रहने नहीं देना है. हेमंत सरकार में नक्सलाइट की घटनाएं बढ़ी है. उनके हौसले बुलंद हो गया है. रघुवर दास के समय जो नक्सली भाग गये थे. दुबक गये थे. वे आज फिर बवाल कर रहे है. आदिवासियों का मर्डर हो रहा है. हेमंत सोरेन मजे मार रहा है. बहनें सुरक्षित नहीं है. अंधेर नगरी, चौपट राजा हो गया है. जिस समाज में महिलाओं की इज्जत नहीं हो, भ्रष्टाचार हो. भ्रष्टाचार में आईएएस पकड़ाई, तो हेमंत सोरेन को दर्द हो रहा है.
छाती ठोक कर बोलने का हक सिर्फ भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं को
वहीं नडडा ने कहा कि छाती ठोक कर बोलने का हक सिर्फ भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं को है. अटल जी को झारखंड व आदिवासियों के प्रति दर्द था. उन्होंने आदिवासियों के लिए अलग से ट्राइबल मिनिस्ट्री बनाई. बिहार से अलग कर झारखंड को अलग किया. मेरा जन्म यहां हुआ है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अब जाकर भगवान बिरसा मुंडा गौरव दिवस मनाने की शुरूआत की. क्यों नहीं पूर्ववर्ती सरकारों ने यह समझा. मोदी सरकार ने ही आदिवासी वीरों को लेकर संग्रहालय बनाया. उन्होंने कहा कि अब हम झारखंड, ओड़िशा, गुजरात, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ में बिरसा मुण्डा यात्रा निकालेंगे. हमारे आदिवासी भाईयों को जोड़ेंगे. 28 राज्यों में गौरव यात्रा करेंगे. शहीद ग्राम विकास योजना चलायेंगे. स्वतंत्रता सेनानियों के गांवों को आदर्श ग्राम बनायेंगे.
अब मोदी की सरकार कर रही है आदिवासियों की चिंता
उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आदिवासियों की चिंता कर रही है. आज मोदी सरकार में आठ आदिवासी कैबिनेट मंत्री हैं. राज्यसभा में आठ सांसद आदिवासी समुदाय से हैं। कुल 32 आदिवासी सांसद है. भाजपा मान देती है. सम्मान देती है. दो गवर्नरए एक डिप्टी सीएम, 190 एमएलए है. कांग्रेस कार्यकाल में यह दिखायें कि आदिवासियों को कितना सम्मान मिला. इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी समुदाय को आहवान करते हुए कहा कि जब भी आपको वोट देने का मौका मिले. सिर्फ कमल को ही जाये. भाजपा सेवाभाव की राजनीति करती है. गरीब न रहे, अति गरीब नहीं रहे. सबको बराबर का अधिकार मिले. सबको समाज में बराबरी का सम्मान मिले भाजपा इसकी राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि हम सेवा कर रहे हैं, मेवा कोई और खा रहा है.
प्रदेश भाजपा द्वारा रांची एयरपोर्ट पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का झारखंडी परंपरा के अनुसार एवं पुष्प वर्षा कर सुसज्जित एवं भव्य स्वागत किया गया
मोराहाबादी मैदान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. वहीं अनुसूचित जनजाति मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ने पगड़ी पहनाकर पुष्पगुच्छ दिया. जबकि कार्यक्रम का संचालन जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद समीर उरांव ने किया. यह रैली 32 जनजातीय लोगों को उचित सम्मान देने के लिए आयोजित किया गया है. यह इतिहास रचनेवाला कार्यक्रम है. केंद्र की मोदी सरकार विकास व नयी राह की ओर अग्रसर है. जनजातीयों को विशेष सम्मान देने का काम किया है- दीपक प्रकाश, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तथाकथित आदिवासी नेता होने का दावा करनेवाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के लोगों को ठगा है. झूठे वायदे कर वोट लेनेवाली इस सरकार ने कुछ नहीं किया अभी तक पेसा एक्ट भी झारखंड में लागू नहीं की गई. भाजपा को छोड़ अन्य ने आदिवासियों के विकास की कभी योजना नहीं बनाई.
मेरी सरकार के कार्यकाल में आदिवासी समाज के विकास को लेकर कई योजनाएं शुरू की गयीं थी-रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री
आजादी के लंबे कालखंड के बाद आदिवासियों की स्थिति में अब बदलाव दिख रहा है. गरीब बचाओ कार्यक्रम में हमारी सरकार ने कार्यक्रम बनाया है. प्रधानमंत्री ने देश को वचन दिया है. देश के 10.30 करोड़ जनजातीय समाज के विकास के लिए सर्वाधिक विकास का कार्य बर्ष 2014 के बाद हुआ. 36 हजार गांवों को आदि आदर्श ग्राम बनाया जायेगा. अरुणाचल से लेकर लद्दाख, झारखंड, मध्यप्रदेश तक 740 मॉडल एकलव्य आवासीय स्कूल बनाये जा रहा है-अर्जुन मुण्डा, केन्द्रीय मंत्री विश्वास रैली के जरिये जनजातीय समुदाय ने आस्था प्रकट की. भाजपा के दिलों में झारखंड प्रदेश व जनजातीय समाज बसती है. अलग झारखंड राज्य के लड़ाई में अनुसूचित जनजाति के भाई-बहन अग्रिम पंक्ति में थे. केन्द्र में 1998-1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, तो तीन साल में ही भाजपा की सरकार ने अलग झारखंड बना दिया. आज की राज्य सरकार कहती है कि हम रोजगार देंगे. पर कोई रोजगार नहीं दिया- बाबूलाल मरांडी, भाजपा विधायक दल के नेता कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सह झारखंउ प्रभारी दिलीप सैकिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी समेंत प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेता, एसटी मोर्चा के पदाधिकारी, सभी सांसद व विधायक, सभी जिलों के अध्यक्ष व प्रभारी कार्यक्रम में मौजूद थे.
यह विश्वास रैली नहीं, विश्वाससघात रैली थी-झामुमो
भाजपा के विश्वास रैली की झामुमो ने तीखी आलोचना की. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भटटाचार्य ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि यह विश्वास रैली नहीं विश्वाससघात रैली थी। रैली में आदिवासियों की प्रमुख मांग सरना कोड की चर्चा तक नहीं करना हास्यास्पद है. जबकि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नवंबर 2021 में ही विधानसभा से आदिवासी सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास करके केन्द्र को भेजा गया है. झारखंड के सभी राजनीतिक पार्टियों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में केंद्रीय ग़ृह मंत्री से मिलकर भी सरना धर्म कोड की मांग की थी. लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य नेताओं के जुबान से इसकी चर्चा तक नहीं की गई. रैली में आदिवासी शब्द का तो इस्तेमाल किया गया. लेकिन किसी ने एकबार भी जोहार नहीं कहा. भाजपा को जनजातीय समाज की चिंता नहीं है. इन्हें हेमंत सरकार के प्रति जनजातीय समाज के बढ़ती लोकप्रियता से डर है. रैली में 50 हजार आदिवासियों के जुटने का दावा किया गया. लेकिन महज 5 हजार लोग जुटे थे. उसमें भी आदिवासी चेहरे पूरी तरह से विलुप्त थे.
मांडर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए रैली की आयोजित-कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मांडर उपचुनाव को देखते हुए भाजपा को जनजातीय समाज की याद आई. उन्होंने कहा कि भाजपा ने उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए यह रैली आयोजित की. चुनाव आयोग को तत्काल इस पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और इस रैली का खर्च भाजपा प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ा जाना चाहिए अन्यथा कांग्रेस चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायेगी.
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