उदित वाणी, जमशेदपुर: अगले कुछ सप्ताह में होने जा रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में झारखंड की कोई भी भूमिका नहीं रहने वाली है. सवाल है कि इसके पीछे क्या वजह है ?
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी के तीसरे या चौथे सप्ताह तक होना है . वहीं झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव फरवरी से पहले होने की कोई संभावना नहीं है.इसका कारण य़ह है कि झारखंड भाजपा में अभी सदस्यता अभियान चल रहा है.
बगैर सदस्यता अभियान पूरा हुए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं है. ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में झारखंड की कोई भूमिका नहीं होगी. अगर वोटिंग हुई तो झारखंड की ओर से कोई वोट नहीं डाल पाएगा.
बता दें कि केंद्रीय संगठन ने 29 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारियों के नाम की घोषणा कर दी है. इसमें झारखंड के साथ-साथ महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर का नाम नहीं है.
गौरतलब है कि झारखंड में अभी सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 14 जनवरी तक चलेगा. इसके बाद सक्रिय सदस्य बनाए जाएंगे. फिर मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. आधे से अधिक बूथ कमेटियां बनने पर मंडल अध्यक्षों का चुनाव होगा.
इसी तरह आधे से अधिक मंडलों अध्यक्षों का चुनाव होने पर ही जिला अध्यक्षों का चुनाव होगा. जबकि आधे जिला अध्यक्षों के निर्वाचन के बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का समय तय किया जाएगा. ऐसे में स्पष्ट है कि फरवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए तिथि की घोषणा की जाएगी.
जाहिरा तौर पर ऐसा होते होते पार्टी को राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से झारखंड दूर रहेगा.
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