उदित वाणी, जमशेदपुर : शनिवार को झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल संघ के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधीक्षक से मिला. शिक्षकों ने डीएसई से कहा कि जिले में 700 शिक्षकों का वेतन अकारण रोका गया है. जबकि वित्त विभाग के पत्र में इस तरह का किसी भी प्रकार का वेतन काटने या रोकने संबंधी प्रक्रिया का उल्लेख नहीं है. वित्त विभाग के पत्रानुसार शिक्षकों का वेतन पूर्व से ही अनुमान्य है एवं मिलते आ रहा है. किसी भी प्रकार से वित्त विभागीय पत्र वर्तमान में शिक्षकों को देय वेतन का अतिक्रमण नहीं करता है.
जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा डीडीओ को आदेश देने के बावजूद 11 प्रखंडो के 700 शिक्षक शिक्षिकाओं का वेतन बेवजह लंबित रखा गया हैं. उनके द्वारा कहा जा रहा है कि जब तक सेवा पुस्तिका शिक्षकों का जमा नहीं होगा तब तक वेतन स्थगित रहेगा. इस संदर्भ में शिक्षकों का कहना है कि सेवा पुस्तिका के कारण 700 शिक्षकों का वेतन डीडीओ द्वारा रोक कर रखना उचित कारण नहीं है. सेवा पुस्तिका का कस्टोडियन डीडीओ होता है, तो उन्हें सेवा पुस्तिका की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेनी होगी. इस दौरान जिले के शिक्षकों में मार्च माह का वेतन नहीं मिलने से काफी आक्रोश है. क्योंकि जिला शिक्षा अधीक्षक के आदेश के बाबजूद जिले के डीडीओ उनका आदेश नहीं मान रहे हैं. सभी शिक्षक वेतन पर पूर्ण रूप से आश्रित हैं. मार्च माह का वेतन मिलना क्यों जरूरी होता है यह सभी सरकारी सेवक अच्छी तरह जानते हैं. फ़रवरी माह का वेतन आयकर, शिड्यूल्ड, स्टेटमेंट भरने में चला जाता है.
शिक्षकों ने कहा कि यदि सोमवार तक वेतन प्रक्रिया या भुगतान नहीं होता है तो सभी शिक्षक प्रखंड कार्यालय में झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की आह्वान पर धरना कार्यक्रम किया जाएगा. उस पर भी डीडीओ द्वारा वेतन की निकासी नहीं की जाती है तो मंगलवार को उपायुक्त के यहां झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ पूर्वी सिंहभूम द्वारा धरना – प्रदर्शन किया जाएगा.
झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल में डीएसई से मिलने वालों में जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, जमशेदपुर अध्यक्ष राजेंद्र कुमार कर्ण, टिप्रु तियु, रामाकांत शुक्ला,रुद्र कुमार शीट, कृष्ण मोहन ठाकुर, उत्तम सिंह,निर्मल कुमार,अर्चना कुमारी आदि शिक्षक शामिल थे.
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