उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड मार्शल आर्ट ट्रेनिंग सेंटर हर सर्दियों में छात्रों को दलमा पर्वत पर ट्रैकिंग के लिए ले जाते हैं. इस वर्ष, 15 दिसंबर को, कम से कम 70 छात्र अपने माता-पिता के साथ इस ट्रैकिंग यात्रा में शामिल हो रहे हैं. यह यात्रा न केवल छात्रों के साहस को परखने का एक अवसर है, बल्कि यह उन्हें प्रकृति से जुड़ने और टीमवर्क का महत्व समझने में भी मदद करती है
ट्रैकिंग पहाड़ियों, पर्वतों और घाटियों के बीच से गुजरने का अनुभव न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है, बल्कि यह मानसिक शांति और साहस को भी बढ़ाता है. हर सर्दी में झारखंड मार्शल आर्ट ट्रेनिंग सेंटर एक अनोखी गतिविधि आयोजित करता है, जो विद्यार्थियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाती है. इस गतिविधि में मार्शल आर्ट के छात्र हर साल दलमा पर्वत की ट्रैकिंग पर जाते हैं, जो एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य के पास स्थित है और समुद्रतल से 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
नेतृत्व और मार्गदर्शन
इस ट्रैकिंग यात्रा में अल्पाइन एडवेंचर फाउंडेशन, जमशेदपुर से एक अनुभवी टीम के सदस्य दया शंकर मिश्रा ने नेतृत्व किया है. वे एक सशक्त नागरिक सुरक्षा सह प्रशिक्षक हैं और उनकी नेतृत्व क्षमता इस यात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाती है. मिश्रा के साथ इस यात्रा में मार्गदर्शन देने वाले अन्य प्रमुख व्यक्तियों में मास्टर सुनील कुमार प्रसाद (ट्रैकिंग आयोजक) और प्रसिद्ध मनोचिकित्सक प्रमिला पूर्ति शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, टीम के साथ वरिष्ठ सदस्य श्रीकांत बास्की, सुभासी मुर्मू, शिल्पी दास, निरंजन सिंह, अभिषेक रे, मैदी हेम्ब्रम और निकिता कुमारी रे भी हैं.
विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों का योगदान
यह यात्रा केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अनुभव है. माता-पिता ने छात्रों के साहस को समर्थन देने के लिए विशेष पहल की है. इनमें रचना जैन, संगीता ओरान, सुनयना कुमारी और मनीष कुमार भादू, चंदा राम भादू, राम सुख भादू जैसे अभिभावक शामिल हैं.
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