उदित वाणी, पटमदा: जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पटमदा व बोड़ाम प्रखंड के विभिन्न गांवों एवं चौक चौराहों पर एग्जिट पोल को लेकर खूब चर्चा हो रही है. साथ ही मतगणना का भी बेसब्री के इंतजार किया जा रहा है. लोग अपने स्तर से एनडीए या इंडिया गठबंधन को लेकर तर्क कर रहे, आकलन बता रहे.
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के कारण महिलाओं का अधिक वोट गिरने को लोग हेमंत सोरेन के लिए फायदेमंद बता रहे हैं. जबकि बेरोजगारी व घुसपैठ के मुद्दे पर एनडीए को भारी समर्थन मिलने की संभावना जतानेवाले भी कम नहीं हैं, इनका कहना है कि 5 साल के बाद एनडीए की सरकार बनने जा रही है.
एग्जिट पोल में अधिकांश एजेंसियों द्वारा जुगसलाई सीट आजसू या एनडीए के खाते में दिखाए जाने से एनडीए खेमे में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. समर्थकों का दावा है कि एनडीए के एकजुट रहने की वजह से आजसू की जीत सुनिश्चित है. वहीं झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) व झामुमो के समर्थकों को उम्मीद है कि जुगसलाई सीट पर झामुमो ही जीत दर्ज करेगा.
जेएलकेएम के समर्थकों का तर्क है कि पटमदा व बोड़ाम प्रखंड के अलावा एनएच 33 के किनारे स्थित 6 पंचायतों में कैंची छाप पर खूब मतदान होने से झामुमो के लिए जीत की राह आसान हो जाएगी.
ग्रामीण अपने हिसाब से भी एक्जिट पोल कर रहे हैं. गांव के लोगों से पूछ कर जानकारी जुटा रहे है कि कौन सी पार्टी या प्रत्याशी कहाँ मजबूत रहा. वोटरों का मिजाज कैसा रहा. चुनाव के समय कौन मुद्दे हावी रहे. इन चर्चाओं के बीच सभी की नजरें 23 की मतगणना पर भी है कि वास्तव मे बाजी कौन मार रहा है.
बुधवार को बोड़ाम के भूला मोड़ में आजसू व जेएलकेएम के समर्थक आपस में काफी देर तक बहस करते नजर आए और दोनों पक्ष की ओर से अपने-अपने दावे किए गए. जेएलकेएम के समर्थकों का कहना था कि कैंची छाप को ग्रामीण क्षेत्रों में भारी बढ़त मिलेगी.
गुरुवार को चौक चौराहों पर लोग इस बात की चर्चा करते देखे गए कि आजकल एक्जिट पोल पहले की तरह सही साबित नहीं हो रहे है इसलिए 23 नवंबर तक का इंतजार करना ही पड़ेगा.
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