उदित वाणी जमशेदपुर : मानगो क्षेत्र में जाम लगना अभी शहर वासियों के लिया आम बात हो गई है। लेकिन बुधवार को सुबह 9:00 बजे से ही मानगो चौक पर जाम लगा हुआ है। यह चौतरफा जाम है। मानगो की न्यू पुरुलिया रोड पर रोड नंबर एक हनुमान मंदिर के पास से जाम है। तो दूसरी तरफ डिमना रोड और ओल्ड पुरुलिया रोड भी जाम है। मानगो चौक पूरी तरह जाम की चपेट में है। इसके अलावा मानगो का छोटा ब्रिज और बड़े ब्रिज की साकची जाने वाली लेन पर जाम लगा है। मानगो बस स्टैंड गोल चक्कर पर भी महाजाम लगा हुआ है। जाम में हजारों लोग फंसे हुए हैं। जाम में फंसे सैक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल जाने वाले एक अभिभावक राशिद अख्तर ने बताया की मानगो में रोड नंबर 1 से ही वह जाम में फंस गए थे और जाम से निकलते निकलते एक घंटा लग गया। इस दौरान कहीं ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आई। ट्रैफिक पुलिस नहीं होने की वजह से लोग जाम से बचने के लिए जिधर से जरा सा भी रास्ता मिलता उधर वाहन लगा देते थे। स्कूल जाने वाले बच्चे, अभिभावक, अस्पताल जाने वाली एंबुलेंस और ड्यूटी जाने वाले लोग भी जाम में फंसे हैं। लोगों का कहना है कि वह समय से ऑफिस नहीं पहुंच पाएंगे। मानगो की रोज की यही किस्मत हो गई है। यहां रोज जाम लगता है। शंकोसाई के रहने वाले रमेश कुमार बिष्टुपुर में एक कंपनी के दफ्तर में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि आए दिन उन्हें जाम झेलना पड़ता है। समय से पहले से घर से निकलने के बावजूद जाम के चलते सभी लोग अपने काम के लिए लेट हो जाते है। मानगो के लोगों का कहना है कि जब तक यहां स्वर्ण रेखा नदी पर एक और ब्रिज नहीं बन जाता लोगों को जाम से निजात नहीं मिलेगी। सियासतदान सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पिछले साल ऐलान किया था कि 3 महीने के अंदर ओवरब्रिज का शिलान्यास हो जाएगा। वह यहां एक ओवर ब्रिज बनवा रहे थे। इसके लिए उन्होंने खुद लंबा चौड़ा इंस्पेक्शन किया था। इस दौरान उनके साथ टाटा स्टील के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और पथ निर्माण विभाग के रांची से आए आला अधिकारी भी थे। लेकिन, सारी प्रक्रिया हवा हवाई साबित हुई। साल 2023 बीत गया और साल 2024 आ गया। अभी तक ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। मानगो के लोग अब ना उम्मीद हो गए हैं। उनका कहना है कि राजनीतिज्ञ और जनप्रतिनिधि क्षेत्र के लोगों को सिर्फ टोपी पहना कर अपना काम निकालने की कोशिश में रहते हैं। लोगों का कहना है कि जब विधानसभा चुनाव का ऐलान होना होगा। उससे पहले शिलान्यास करा दिया जाएगा और इसी के नाम पर वोट मांगे जाएंगे। चुनाव के बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। जनता यूं ही राजनीतिक जाम में फंसती रहेगी।
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