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उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में गुरुवार को तालाबंदी की जाएगी। छात्र संगठनों ने जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई बंद किए जाने पर इसकी घोषणा की है। पिछले दिनों इसे लेकर आंदोलन के दौरान विवाद होने के बाद इस संबंध में जोरदार आंदोलन का एलान किया गया। छात्र आजसू वा ए आई डी एस ओ की ओर से इसे लेकर तैयारी की जा रही है। इधर इस मुद्दे परजमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने जमशेदुपर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय से मुलाकात की।
इस दौरान डाॅ. गुप्ता ने जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय तथा वीमेंस कॉलेज इंटर की छात्राओं की समस्यों के बारे में बातचीत की। उन्होंने बताया कि यूजीसी के नियम के अनुसार किसी विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई नहीं हो सकती है। पूर्ववर्ती वीमेंस कॉलेज में इंटर की पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या 4000 के आसपास है। दसवीं के बाद 11वीं कक्षा में नामांकन कराने वाली छात्राएं परेशान है कि महिला विश्वविद्यालय बन जाने के बाद नामांकन की प्रक्रिया रुक गई है। जमशेदपुर स्थित सभी कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया जारी है मगर जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में नामांकन बंद है।
इन्हें कुलपति ने बताया कि झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग से और झारखंड एकेडमिक काउंसिल से इसके बारे में मार्गदर्शन मांगा है जो अभी तक अप्राप्त है। कुलपति के अनुसार जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय बनने के बाद इस बारे में निर्णय सरकार को लेना है की इंटर की पढ़ाई यहाँ होगी या नहीं। बातचीत के क्रम में दो विकल्प निकल कर आए।
पहला की सरकार एक तदर्थ आदेश निकाल दें कि जब तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाए वीमेंस कॉलेज में इंटर की पढ़ाई जारी रहेगी। कम से कम 2 से 4 वर्ष तक इंटर की पढ़ाई वीमेंस कॉलेज में ही हो. इसके लिए वीमेंस कॉलेज में एक नए प्राचार्य का पद स्वीकृत कर दिया जाए जो वीमेंस कॉलेज के प्राचार्य कहे जाएंगे, जो कि जैक से संबंधित होगा। सीबीएसई एवं आईसीसी से संबंधित हो सकता है या दो से 4 वर्षों तक जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय से संबंधित रखा जा सकता है।
वास्तव में यह निर्णय झारखंड सरकार को उसी समय ले लेना चाहिए था जब सरकार ने जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज को महिला विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया था।
दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि जमशेदपुर के उच्च विद्यालयों को महिला इंटर कॉलेज बना दिया जाए। 2 से 4 वर्ष तक के भीतर इन विद्यालय में इंटर कॉलेज की आवश्यक संरचनाएं खड़ा कर ली जाए। इंटर की पढ़ाई करने वाली छात्राओं की चिंता जितनी गंभीर है उतनी ही चिंता 4 दर्जन महिला प्रधानों की है जो छात्रों को पढ़ाने के लिए इंटर के लिए पहले से नियुक्त है।
अधिकांश शिक्षिकाएं घंटी आधारित है। इनके रोजगार पर भी संकट खड़ा हो गया है। श्री राय ने कहा है कि कल वह महामहिम राजपाल से इस विषय में वार्ता करने के लिए समय मांगा है, साथ ही इस बारे में वे राज्य के शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव से वार्ता करेंगे।
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