उदित वाणी,जमशेदपुर: युवाओं के कौशल विकास को लेकर टाटा स्टील फाउंडेशनने 2014 में बर्मामाइंस में टाटा स्टील टेक्निकल इंस्टीट्यूट (टीएसटीआई) की स्थापना की थी.
अत्याधुनिक बुनियादी संरचना और अपने प्रशिक्षण साझेदार के रूप में नेट्टूर टेक्निकल ट्रेनिंग फाउंडेशन (एनटीटीएफ) बंगलोर के सहयोग से टीएसटीआई ने झारखंड के प्रमुख तकनीकी डिप्लोमा कॉलेजों में से एक के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है. 2014 में स्थापना के छह महीने के भीतर टीएसटीआई ने अपने प्रारंभिक वर्षों में अस्थायी कार्यशालाओं के साथ शुरुआत की. 2017 में संस्थान को अपनी पहली रोबोटिक्स प्रयोगशाला और अगले वर्ष एक अच्छी तरह से सुसज्जित कैंटीन मिली. अगले तीन वर्षों के भीतर टीएसटीआई के पास अपना स्वयं का सभागार, एक 3डी प्रिंटर और वेल्डिंग सिम्युलेटर, एक सुपरवाइजरी कंट्रोल और डेटा एक्वीजीशन (एससीएडीए) प्रणाली और एक मानव मशीन इंटरफ़ेस (एचएमआई), जल संचयन प्रणाली थी. 2022 तक टीएसटीआई को एक कोबोट (सहयोगी रोबोट) और एक प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर आधारित मल्टी-प्रोसेस कंट्रोल सिस्टम मिला.
मजबूत बुनियादी संरचना टीएसटीआई की बुनियादी संरचना में एक ऑटोमेशन प्रयोगशाला, कार्यशाला कक्ष, एक 3 डी प्रिंटर और एप्लाइड साइंस, इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (आईओटी), ग्राफिक्स, इंस्ट्रुमेटेशन, नवीकरणीय ऊर्जा और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अलग प्रयोगशालाएं शामिल हैं. संस्थान फैनुक कंट्रोल्स के साथ रोबोटिक्स, सभी प्रकार के एसी और डीसी ड्राइव, इलेक्ट्रिकल पावर ट्रेनर किट (ईपीटीके) के उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ एक स्मार्ट क्लासरूम पैनल बोर्ड का व्यापक उपयोग भी करता है.
दो कोर्स टीएसटीआई दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम की पेशकश करता है – पहला मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग और स्मार्ट फैक्ट्री में और दूसरा
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में. टीएसटीआई राष्ट्रीय कौशल विकास निगम का एक मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण साझेदार है और इसे राष्ट्रीय ओपन कॉलेज नेटवर्क से मान्यता प्राप्त है. अभी तक 582 छात्रों ने संस्थान से अपना डिप्लोमा पूरा किया है, जिनमें से 106 महिला उम्मीदवार थीं. वर्ष 2022 में टीएसटीआई ने योग्य छात्रों के लिए 100 फीसदी प्लेसमेंट हासिल करने में भी कामयाबी हासिल की है.
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