टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की एक और सफलता
उदित वाणी,जमशेदपुर: टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की एक टीम ने एक और उपलब्धि जोड़ते हुए कांग यात्से-1 (6401 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी की है.
कांग यात्से-1, विस्मयकारी हिमालय क्षेत्र में बसी एक दुर्जेय चोटी है, जो भारत के ठंडे रेगिस्तान – लद्दाख में मार्खा घाटी की सबसे ऊंची और सबसे सुंदर चोटी है. यह पहली बार था, जब टीएसएएफ ने यहां पर्वतारोहण अभियान का आयोजन किया. इससे पहले भारत और विदेश की अन्य टीमों द्वारा कुछ सफल अभियान आयोजित किए गए हैं. अभियान 28 अगस्त को लेह से शुरू किया गया था.
टीम 2 सितंबर को सारा, मार्खा और थैंकगचुत्से कैंप से होते हुए 5100 मीटर की ऊंचाई पर बेस कैंप पहुंची. कैंप- 1 (5450 मीटर) तक लोड फेरी के साथ बेस कैंप में 2 दिनों के लिए अनुकूलन और तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया था. टीम 7 सितंबर को 5850 मीटर पर\शिखर शिविर पर पहुंची और रात में शिखर पर चढ़ने के लिए रवाना हुई. 8 सितंबर की सुबह टीम 6401 मीटर की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक पहुंचने में सफल रही. उसके बाद उतरना शुरू किया गया और सभी सदस्य 10 सितंबर तक लेह पहुंच गए. सभी सदस्य 11 सितंबर को लेह से रवाना हुए और 12 सितंबर तक अपने-अपने स्थानों पर पहुंच गए. मोहन रावत के नेतृत्व में हुआ अभियान टीएसएएफ के वरिष्ठ प्रशिक्षक मोहन रावत के सक्षम नेतृत्व में अभियान की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई और उसे क्रियान्वित किया गया, जिन्होंने इस विस्मयकारी उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका साथ टीएसएएफ के गोविंद सिंह, रणदेब सिंह, आशीष सक्सेना और रेनू शर्मा ने दिया. टीम को लद्दाख पर्वतारोहण गाइड एसोसिएशन (एलएमजीए) गाइड – स्कालज़ैंगरिगज़िन, फ़नसोक जिग्मेट, तेनज़िन का भी समर्थन प्राप्त था. समर्पित और अनुभवी पर्वतारोहियों की टीम ने अपनी कठिन यात्रा के दौरान असाधारण कौशल, अटूट दृढ़ संकल्प और उल्लेखनीय टीम वर्क का प्रदर्शन किया. टीम को अधिक ऊंचाई, कम ऑक्सीजन, अत्यधिक ठंड और तेज़ हवा की चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
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