उदित वाणी जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन की स्टॉलों में बिकने वाली सामग्री यात्रियों की जान पर जोखिम डाल सकती है. जिससे कभी भी बड़ी घटना का गवाह यह स्टेशन बन सकता है. सोमवार की सुबह इसका नजारा देखने को भी मिला. जब प्लेटफॉर्म नंबर एक स्थित गोलपहाड़ी छोर पर सुधा के एक स्टॉल में यात्री ने अपने बच्चे के लिए ड्रिंक्स ख़रीदा. ड्रिंक्स पीते ही बच्चे ने उलटी कर दी. इसका जब यात्री ने विरोध किया तो स्टॉल में बैठा कर्मचारी यात्री से ही उलझ गया. इस दौरान थोड़ी देर के लिए स्टेशन में हंगामा हुआ. चूंकि स्टील एक्सप्रेस खुलने वाली थी, इसलिए यात्री जितेन कुमार दास ट्रेन में बिना कोई शिकायत किये ही सवार हो गया. भुक्तभोगी डी -11 बोगी में यात्रा कर रहा है. वह बच्चे को संभालने में लगे हुए हैं. यात्री टेल्को के रहने वाले हैं. इधर, ड्रिंक्स का पैकेट आनन फानन स्टॉल से हटा दिया गया. ड्रिंक्स जमे होने की बात मानने से कर्मचारी इनकार किया. वाणिज्य विभाग को खाद सामग्री की जांच की जानी चाहिए, ताकि फिर ऐसी घटना ना घटे. वहीं, एमआरपी से ज्यादा 20 की बजाय 25 में भी ड्रिंक्स बेचा गया. कोल्ड ड्रिंक्स भी 40 वाली 45 में खरीदी गई. मालूम हो कि टाटानगर स्टेशन में मिलीभगत से अवैध वेंडिंग से लेकर कई स्टॉल में बिना नियमों के खाना परोसा जा रहा है. स्टेशन के बाहर भी फुटपाथ सजाकर अवैध कमाई का कार्य चल रहा है. ऐसे में यात्रियों को असुविधा और उनकी सेहत से खिलवाड़ होना आम बात हो गया है. वरीय अधिकारियों के आने पर उक्त अवैध कार्यों पर पर्दा डालने का काम किया जाता है, जो की जांच का विषय है. रेलवे को राजस्व देने वाले यह सीधे साधे यात्रियों की इसमें क्या गलती है ?
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