9 देशों के 123 शतरंज खिलाड़ियों की होगी भागीदारी, उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि विश्वनाथन आनंद होंगे
उदित वाणी,जमशेदपुर: टाटा स्टील एशियन जूनियर ओपन और गर्ल्स शतरंज चैंपियनशिप 2023 का आयोजन 7 से 15 सितंबर के बीच जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा. इस आयोजन में कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, रूस, इंडोनेशिया और नेपाल सहित लगभग नौ (9) देशों के कुल 123 शतरंज खिलाड़ियों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है.
7 सितंबर को होने वाले उद्घाटन समारोह में ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद मुख्य अतिथि होंगे. यह चैंपियनशिप जमशेदपुर को एक प्रसिद्ध खेल केंद्र में बदलने का प्रमाण होगी, जो अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है. टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष, चाणक्य चौधरी ने कहा कि यह ऐतिहासिक कार्यक्रम न केवल खेल के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता को उजागर करता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के केंद्र के रूप में शहर की बढ़ती प्रमुखता को भी दर्शाता है. टाटा स्टील में खेल हमेशा हमारे लिए जीवन जीने का एक तरीका रहा है और इस तरह की अंतर सांस्कृतिक बातचीत शतरंज के खेल में नए पहलू जोड़ेगी.
पहली बार कोई कॉरपोरेट घराना इस तरह के आयोजन में शामिल हुआ-धर्मेन्द्र कुमार
टाटा स्टील एशियन ओपन और गर्ल्स शतरंज चैंपियनशिप 2023 के मुख्य निर्णायक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत
को फिर से एशियाई शतरंज चैंपियनशिप की मेजबानी करने का अवसर मिला है. यह पहली बार है कि कोई कॉरपोरेट घराना इस तरह के आयोजन में शामिल हुआ है. साथ ही पहली बार इस पैमाने की शतरंज चैंपियनशिप की मेजबानी झारखंड में की जा रही है. यह शतरंज को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को पोषित करने की टाटा स्टील की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है.
दो श्रेणी में होगी चैंपियनशिप
चैंपियनशिप में दो श्रेणियां होंगी.पहली एशियन जूनियर ओपन (लड़के और लड़कियां) और दूसरी एशियन गर्ल्स शतरंज चैंपियनशिप. यह दोहरीसंरचना सुनिश्चित करती है कि दोनों लिंगों के खिलाड़ियों को उत्कृष्टता हासिल करने का समान अवसर मिले.
टाटा स्टील का शतरंज से जुड़ाव रहा है
शतरंज के साथ टाटा स्टील की यात्रा दशकों पहले शुरू हुई थी, जो बौद्धिक गतिविधियों और रणनीतिक सोच को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है. उल्लेखनीय घटनाओं में 1986 में टाटा स्टील इनविटेशनल ग्रैंड मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट और उसके बाद 1988 में कोलकाता में आयोजित दूसरा टूर्नामेंट शामिल है. 1989 में शतरंज प्रशिक्षण केन्द्र खुला शतरंज की क्षमता को पहचानते हुए टाटा स्टील ने 1989 में जमशेदपुर में अपना पहला शतरंज प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया. यह केंद्र तब से प्रतिभाओं के पोषण का केंद्र रहा है क्योंकि इसने साढ़े तीन से 15 साल की उम्र के युवा दिमाग वाले 4,000 से अधिक छात्रों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है. विशेष रूप से इन छात्रों ने कई राष्ट्रीय पदक अर्जित किए हैं. जमशेदपुर के शतरंज आइकन दिब्येंदु बरुआ ने शहर में शतरंज को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके योगदान में विश्व शतरंज चैंपियनशिप में पांच बार भारत का प्रतिनिधित्व करना और 1988 से 2002 तक शतरंज ओलंपियाड में भाग लेना शामिल है. राधाकृष्ण कामथ और डोलन चंपा बोस ने अंतर्राष्ट्रीय शतरंज मास्टर वरुगेसी कोशी के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपना नाम रोशन किया है, जिससे शतरंज की दुनिया में जमशेदपुर की स्थिति और मजबूत हुई है.
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