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– स्थायी कुलपति की नियुक्ति के बाद ही प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी होगा
– दिसंबर में आयोजित की गई थी प्रवेश परीक्षा, मई में हुआ था साक्षात्कार
उदित वाणी, जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी में नामांकन लेने के लिए प्रयास कर रहे विद्यार्थियों का इंतज़ार ख़त्म ही नहीं हो रहा है। प्रवेश परीक्षा दिए 8 महीने से अधिक का समय होने जा रहा है, लेकिन अब तक कोल्हान विश्वविद्यालय नामांकन के लिए अंतिम परिणाम जारी नहीं कर पाया है। ढाई महीने पहले प्रवेश परीक्षा के आधार पर विद्यार्थियों का साक्षात्कार लिया गया, लेकिन इस साक्षात्कार के पूर्ण हुए भी लगभग ढाई महीने से ऊपर होने को आए हैं लेकिन अब तक परिणाम की कोई सुगबुगाहट नहीं है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि स्थायी कुलपति की नियुक्ति के बाद ही प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। इससे विद्यार्थी फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। अगर 1 एक साल प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी करने में ही लग जाए ऐसे में पूरी पीएचडी करने में कितना समय लगेगा इसका अंदाज़ा सहज लगाया जा सकता है
6 वर्ष बाद कोल्हान विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन स्थाई कुलपति नहीं होने से अबतक परिणाम जारी नहीं कर पास रहा है। आजसू छात्र संघ के कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक कहते हैं कि कोल्हान विश्वविद्यालय की लेटलतीफ़ी किसी से छिपी नहीं है। कई कई सत्र विलंबित चल रहे हैं। विद्यार्थियों की परीक्षा एक एक साल बाद भी नहीं ली जा रही है। ऐसा ही हाल अब पीएचडी प्रवेश परीक्षा का भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक कार्य एवं पीएचडी रिजल्ट जारी करने हेतु स्थाई कुलपति एवं प्रति कुलपति का जल्द नियुक्ति होना चाहिए।
विलंब से चल रहे सत्र, छात्र परेशान
कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से हाल ही में जारी किये गये एकेडमिक कैलेंडर को लेकर छात्रों की परेशानी बढ़ गयी है। एक तरफ जहां एलएलबी व अन्य कोर्स के छात्रों ने इस पर नाराजगी जतायी है, वहीं विश्वविद्यालय में एमसीए कर रहे विद्यार्थियों के सामने भी परेशानी आ खड़ी हुई है। एकेडमिक कैलेंडर को लेकर छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय को सत्र नियमित करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए, तो उल्टे सत्र विलंब ही हो रहा है। एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार सत्र करीब एक वर्ष विलंब हो जायेगा। इससे छात्रों ने भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है।
एमसीए के एक छात्र ने बताया है कि वह सत्र 2022-24 का छात्र है, लेकिन सत्र को विलंब करते हुए 2025 तक कर दिया गया है, जबकि अभी तक प्रथम सेमेस्टर की भी परीक्षा नहीं हुई है। ऐसे में इन छात्रों की अभी कुल चार सेमेस्टर की परीक्षा होनी है। छात्र ने बताया है कि विश्वविद्यालय से संपर्क करने पर बताया गया है कि स्नातकोत्तर के अन्य कोर्स के साथ ही एमसीए के छात्रों की भी परीक्षा होगी। अभी तक परीक्षा कार्यक्रम भी जारी नहीं किया गया है।
लॉ के छात्रों ने भी उठाये सवाल
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज में अध्ययनरत एलएलबी सत्र 2020-23 के छात्रों ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन पर भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। सत्र विलंब होने के कारण उन्होंने थर्ड सेमेस्टर एक्जाम पास होने के बाद चौथे सेमेस्टर की परीक्षा में प्रमोशन की मांग की थी। उस समय कॉलेज के प्राचार्य एवं विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति ने कहा था कि चौथे सेमेस्टर परीक्षा में प्रमोशन नहीं दिया जा सकता है। चूंकि सत्र विलंब से चल रहा है। अतः पांचवें और छठे समेस्टर की परीक्षा इसी वर्ष आयोजित कर डिग्री दे दी जाएगी। लेकिन अबतक इन छात्रों की पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है, वहीं विश्वविद्यालय की ओर से अंतिम (छठे) सेमेस्टर की परीक्षा का आयोजन फरवरी-2024 के मध्य में कराने की बात कही गयी है।
कुलपति का ना होना बना परेशानी का कारण
कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू) में विगत लगभग दो माह से स्थाई कुलपति एवं प्रति कुलपति नहीं होने से सैकड़ों छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मालूम हो कि पूर्व कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पांडा का कार्यकाल मई महीना में ही समाप्त हो गया था। उसके बाद से अभी तक नए कुलपति एवं प्रति कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई है। आए दिनों सैकड़ों विद्यार्थियों को डिग्री मूल प्रमाण पत्र, अन्य शैक्षिक नियोजन कार्य के लिए आवेदन किया जा रहा है. कुलपति के नहीं होने से कार्य लंबित हो जा रहे हैं।
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